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पीएम के फिट इंडिया मूवमेंट को मजबूती देगा बेबी लीग, नौ से 12 वर्ष तक के बालक व बालिकाएं खेलेंगी आउटडोर खेल

बेबी लीग ने ऐसे बच्चों को आउटडोर खेल की ओर प्रेरित करेगा। इस पहल से बालक-बालिकाओं का शारीरिक विकास और आपसी संवाद बढ़ेगा।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Published: Wed, 12 Feb 2020 11:16 AM (IST)Updated: Wed, 12 Feb 2020 12:47 PM (IST)
पीएम के फिट इंडिया मूवमेंट को मजबूती देगा बेबी लीग, नौ से 12 वर्ष तक के बालक व बालिकाएं खेलेंगी आउटडोर खेल
पीएम के फिट इंडिया मूवमेंट को मजबूती देगा बेबी लीग, नौ से 12 वर्ष तक के बालक व बालिकाएं खेलेंगी आउटडोर खेल

वाराणसी, जेएनएन। किशोरवय की ओर बढ़ते बालक-बालिकाएं जिस तरह सोशल मीडिया के विभिन्न प्लेटफार्म पर समय देने संग अभासी दुनिया में जी रहे हैं, इसे देखते हुए बेबी लीग ने ऐसे बच्चों को आउटडोर खेल की ओर प्रेरित करेगा। इस पहल से बालक-बालिकाओं का शारीरिक विकास और आपसी  संवाद बढ़ेगा।

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले वर्ष खेल दिवस (29 अगस्त) को दिल्ली में फिट इंडिया मूवमेंट का शुभारंभ किया था। लोगों को स्वस्थ व फिट रहने के लिए प्रोत्साहित किया था। इसी के तहत वाराणसी में बेबी लीग के माध्यम से स्कूलों व घरों में जाकर नौ से 12 वर्ष तक के बच्चों को  फिट रहने की जरूरत व लाभ बताया जाएगा। इसके लिए पहले चरण में क्रिकेट, फुटबॉल, तैराकी, कराटे, एथलेटिक्स और हैंडबॉल खेल को चुना गया है। कारण कि  इन खेलों के बारे में अधिकतर बच्चे जानते हैं। ये खेल अवकाश के दिनों में मोहल्ले के पार्क और स्कूल-कालेजों के मैदान में आयोजित किए जाएंगे। इनके लिए खेल मैदान का माप आयु के अनुरूप बनाया जाएगा। दो मार्च से बेबी लीग में खेलने वाले बच्चों का पंजीकरण शुरू होगा।

चलते कम, गिनती अधिक 

अधिकतर लोग टहलने के दौरान कदम की गिनती के लिए मोबाइल का सहारा ले रहे हैं। वे दिन में न जाने कितनी बार अपना मोबाइल फोन देखकर जानने की कोशिश करते हैैं कि कितने कदम चले हैं। हालांकि एक घंटा पैदल चलने के बाद ही मोबाइल देखना चाहिए कि  कितने कदम चले। पैदल चलने की आदत छोडऩे के कारण ही मधुमेह व उच्च रक्तचाप से पीडि़तों की संख्या बढ़ रही है।

-डा. अजय कुमार, राजकीय पीजी आयुर्वेदिक महाविद्यालय।

बच्चे घर से निकलें, खेल का आनंद उठाएं

नौ से 12 वर्ष के बच्चों पर इसलिए ध्यान दिया गया है क्योंकि इस आयु वर्ग के बच्चे मोबाइल, कंप्यूटर और अन्य गैजेट पर अधिक समय देते हैं। खेल मैदान से उनका वास्ता खत्म सा हो गया है। हमारा प्रयास है कि बच्चे घर से निकलकर खेलें और फिट रहें। इनके लिए प्रतियोगिता भी होगी ताकि खेल में होने वाली जीत-हार के माध्यम से भी वास्तविक जीवन का हर रंग देखें -समझें।

-शम्स तबरेज शंपू, कार्यकारी सचिव, जिला ओलंपिक संघ।


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