प्रदेश के आयुर्वेदिक कालेजों में होगी हर्बल गार्डेन की स्थापना
वाराणसी : प्रदेश के आयुर्वेद चिकित्सालयों और स्वास्थ्य केंद्रों पर आयुर्वेद औषधियों की अब कमी नहीं होगी।
जागरण संवाददाता, वाराणसी : प्रदेश के आयुर्वेद चिकित्सालयों और स्वास्थ्य केंद्रों पर आयुर्वेद औषधियों की कमी नहीं होने दी जाएगी। हर क्षेत्र का अध्ययन कर मालूम किया जाएगा कि किस क्षेत्र में कौन सी औषधियों की कितनी आवश्यकता है। उस हिसाब से उन क्षेत्रों में आयुर्वेदिक दवाओं की आपूर्ति की जाएगी। साथ ही प्रदेश के हर आयुर्वेद महाविद्यालय में अब हर्बल गार्डन की स्थापना की जाएगी। यह कहना है प्रदेश के नवनियुक्त आयुर्वेद निदेशक प्रो. एसएन सिंह का।
प्रो. सिंह ने गुरुवार को लखनऊ में कार्यभार ग्रहण करने बाद शुक्रवार को टेलीफोन से जागरण संवाददाता को बताया कि आयुर्वेद चिकित्सा पद्धति की ओर लोगों का रूझान बढ़ रहा है, इसको देखते हुए आठों कालेजों और अस्पतालों में नये शोध पर जोर दिया जाएगा। बहुत सी जड़ी-बूटियां विलुप्त होती जा रही हैं, ऐसे में कोशिश होगी कि हर आयुर्वेद महाविद्यालय में हर्बल गार्डन की स्थापना की जाएगी ताकि यहां पर अध्ययनरत विद्यार्थियों को उसकी पूरी जानकारी मिल सके। वह खुद उच्चस्तरीय टीम के साथ हर कालेज व चिकित्सालय का निरीक्षण करेंगे। कहा कि अब अध्यापकों की कमी भी दूर की जाएगी, वर्षो से एक ही स्थान पर कार्यरत अध्यापकों को अब अन्यत्र भेजा जाएगा। अस्पताल में आने वाले रोगी चिकित्सालय की साफ-सफाई देखकर ही 25 प्रतिशत ठीक हो जाते हैं, जल्द ही इसका असर हर तरफ दिखाई पड़ेगा। बता दें कि प्रो. सत्यनारायण सिंह बनारस स्थित राजकीय आयुर्वेद महाविद्यालय एवं चिकित्सालय में वर्ष 2014 से जून 2018 तक प्राचार्य थे। इनके कार्यकाल में इस महाविद्यालय में पंचकर्म और योगा के लिए वेलनेस सेंटर का शुभारंभ किया गया था।