सैनिकों और पर्यावरण की सेहत को सुधारेगा आयुर्वेद, रणबांकुरे स्टेडियम में लगेंगे पौधे
राजकीय आयुर्वेद महाविद्यालय एवं चिकित्सालय सेना भर्ती बोर्ड वाराणसी के रणबांकुरे स्टेडियम में ऐसे आयुर्वेदिक पौधे लगाने जा रहा है जिससे सैनिकों का स्वास्थ्य और पर्यावरण दोनों स्वास
वाराणसी, जेएनएन। हजारों साल प्राचीन भारत चिकित्सा पद्धति आयुर्वेद का लगातार विकास हो रहा है। इसी कड़ी में राजकीय आयुर्वेद महाविद्यालय एवं चिकित्सालय सेना भर्ती बोर्ड वाराणसी के रणबांकुरे स्टेडियम में ऐसे आयुर्वेदिक पौधे लगाने जा रहा है जिससे सैनिकों का स्वास्थ्य और पर्यावरण दोनों स्वास्थ्य रहेगा।
राजकीय आयुर्वेद चिकित्सालय के उपधीक्षक डा. विनय मिश्रा, सैनिक भर्ती निदेशक कर्नल आरएस ठाकुर और काय चिकित्सा एवं पंचकर्म के वैद्य अजय कुमार की देखरेख में मानसून की पहली बारिश होते ही आयुर्वेदिक औषधि वाले पौधे रोप दिए जाएंगे। उसकी देखरेख सेना के जवान करेंगे। हर पौधे के पास प्ले कार्ड लगा होगा जिस पर पौधे का नाम हिंदी और अंग्रेजी में लिखा होगा। उस पौधे का कौन सा भाग किस रोग के उपचार में काम आएगा यह भी अंकित होगा।
ये पौधे लगाए जाएंगे
आमलकी - इसके फलों का रस ताकत बढ़ाती है। च्वानप्राश बनने में इसका बहुत उपयोग होता है।
अमलतास - इस फल के गूदा खाने से कब्ज और पाचन संबंधी समस्याओं में आराम मिलता है।
अर्जुन- हृदय रोग की महाऔषधि में इसकी छाल का चूर्ण इस्तेमाल होता है। दूध में पकाकर क्षीरपाक बनाकर लेना चाहिए।
एरण्ड- एरंड के बीजों को पीसकर लेप बनाकर जोड़ों में लगाने से गठिया यानी आर्थराइटिस में बहुत लाभ मिलता है। सूजन में इसके पत्तों को गरम कर उस स्थान पर बांधने से सूजन कम हो जाती है।
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