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Ticket Refund को लेकर विमानन कंपनियां कर रहीं आनाकानी, लोग सरकार से मदद के लिए लगा रहे गुहार

Lockdown के चलते विमान सेवाएं शुरू नहीं हो सकी ऐसे में विमानन कंपनियां यात्रियों का पैसा लौटाने को तैयार नहीं हैं। लोग सोशल मीडिया के माध्यम से सरकार से मदद की गुहार लगा रहे हैं।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Published: Thu, 28 May 2020 10:07 AM (IST)Updated: Thu, 28 May 2020 10:07 AM (IST)
Ticket Refund को लेकर विमानन कंपनियां कर रहीं आनाकानी, लोग सरकार से मदद के लिए लगा रहे गुहार
Ticket Refund को लेकर विमानन कंपनियां कर रहीं आनाकानी, लोग सरकार से मदद के लिए लगा रहे गुहार

वाराणसी, जेएनएन। कोरोना वायरस महामारी व लॉकडाउन अवधि में सभी की बस एक ही इच्छा है कि वे किसी तरह अपने घर पहुंच जाएं। घर पहुंचने के लिए साधन नहीं मिलने पर लोग मुंबई, सूरत, गुजरात, पंजाब आदि प्रदेशों से पैदल ही चल दिए। कुछ लोग घर पहुंच गए तो कुछ रास्ते में हैं। परेशान कुछ लोगों ने घर पहुंचने के लिए हवाई जहाज तक के टिकट बुक करा लिए। इनमें कई ऐसे हैं, जिन्होंने अपने सामान बेचकर या दूसरे से कर्ज लेकर टिकट बुक कराया था। लॉकडाउन के चलते विमान सेवाएं नहीं शुरू हुईं तो उन्होंने दूसरा रास्ता अख्तियार कर लिया। वे किसी तरह घर पहुंच गए हैं लेकिन अब विमानन कंपनियां उनका पैसा लौटाने को तैयार नहीं हैं। इस बात को लेकर विमानन कंपनियों के खिलाफ गुस्सा है। लोग सोशल मीडिया के माध्यम से सरकार और विमानन कंपनियों से पैसा लौटाने की गुहार लगा रहे हैं। 

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कोरोना वायरस संक्रमण के चलते 24 मार्च से विमान सेवाएं बंद होने के बाद जिन यात्रियों ने लॉकडाउन की अवधि में यात्रा के लिए टिकट बुक कराया था उनमें से ज्यादातर का पैसा अभी तक विमानन कंपनियों ने नहीं लौटाया। लॉकडाउन के दौरान यात्री एयरपोर्ट नहीं जाकर एयरलाइंस के हेल्पलाइन नंबर पर फोन कर पैसा वापस करने की मांग की।  इस दौरान कुछ विमानन कंपनियों के कर्मचारियों ने फोन नहीं उठाया तो कुछ लोगों को संतोषजनक जवाब नहीं मिला। यात्री सोच रहे थे कि विमान सेवाएं शुरू होने के साथ एयरलाइंस काउंटर खुलने पर उनके पैसे वापस मिल जाएंगे लेकिन एयरलाइंस काउंटर खुलने पर भी उनके पैसे वापस नहीं दिए गए। एयरलाइंस कंपनियों द्वारा पैसा नहीं देने से परेशान लोगों ने सोशल मीडिया का सहारा लेते हुए पैसे वापस करने की मांग उठाई है।

पैसा नहीं, दे रहे हैं क्रेडिट सेल

अधिकतर विमानन कंपनियों द्वारा क्रेडिट सेल यानी एक साल के अंदर किसी जगह हवाई यात्रा के लिए टिकट बुक करने पर एयरलाइंस उनकी धनराशि एडजस्ट कर लेगी। किराया अधिक होने पर शेष पैसे जमा करने पड़ेंगे। टिकट बुक कराए यात्री के स्थान पर कोई अन्य यात्रा नहीं कर सकता। एक साल में हवाई यात्रा न करने पर राशि जब्त हो जाएगी। इस मनमाने रवैए से यात्री परेशान हैं। उनका कहना है कि इमरजेंसी न हो तो हर कोई हवाई यात्रा नहीं करता। 

डीजीसीए ने दिया था ये आदेश

नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने 16 अप्रैल को जारी आदेश में कहा था कि लॉकडाउन अवधि 25 मार्च से 14 अप्रैल तक जितने भी यात्रियों ने हवाई टिकट बुक कराए थे। उनके पैसे तीन सप्ताह में वापस कर दिए जाएं। यात्रियों से कोई कैंसिलेशन चार्ज न लिया जाए। लॉकडाउन प्रथम चरण के बाद डीजीसीए ने कोई आदेश नहीं किया।

एयरलाइंस से अभी तक वापस नहीं मिला पैसा

बड़ागांव के खरावन गांव निवासी संदीप दुबे के रिश्तेदार मुंबई में रहते हैं। मार्च में लॉकडाउन के पूर्व पूनम देवी, बबीता दुबे, सौर्यम दुबे और विवेक दुबे का संदीप ने ही 22736 रुपये में मुंबई-वाराणसी वाया दिल्ली गो एयर का टिकट बुक किया। चारों को 20 अप्रैल को वापस आना था लेकिन लॉकडाउन के बाद विमान सेवा बंद हो गई। एयरलाइंस से अभी तक पैसा वापस नहीं मिला। खरावन गांव के ही रहने वाले संतोष द्विवेदी अहमदाबाद में रहते हैं। उन्होंने 11 अप्रैल को विस्तारा एयरलाइंस से अहमदाबाद से दिल्ली और दिल्ली से वाराणसी का टिकट कराया। 20 अप्रैल को टिकट था, अभी पैसा वापस नहीं हो सका।

बोले एयरपोर्ट निदेशक, विमानन कंपनियों की पॉलिसी अलग-अलग

हरहुआ बाजार में हवाई जहाज व ट्रेन टिकट बुक करने वाले आरती स्टूडियो के संचालक जयचंद मोदनवाल ने दो यात्रियों के हवाई टिकट बुक किए थे। विमान सेवा निरस्त होने के बाद भी यात्रियों के पैसे वापस नहीं मिले। वाराणसी एयरपोर्ट के निदेशक आकाशदीप माथुर ने बताया कि विमानन कंपनियों की अलग-अलग पॉलिसी हैं। उसी के हिसाब से वे काम करते हैं। एयरलाइंस की टिकट बुकिंग में एयरपोर्ट के अधिकारियों की कोई दखलंदाजी नहीं होती है।


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