रोडवेज बसों के बीच में 'आटो स्टैंड', यात्रियों को जबरन बैठाने को लेकर होता है विवाद
रोडवेज बस स्टैंड परिसर में किसी भी प्रकार के भाड़े के वाहनों टैक्सी व ऑटो आदि के प्रवेश और संचालन पर पूरी तरह से रोक है।
वाराणसी, जेएनएन। रोडवेज बस स्टैंड परिसर में किसी भी प्रकार के भाड़े के वाहनों, टैक्सी व ऑटो आदि के प्रवेश और संचालन पर पूरी तरह से रोक है। परिवहन निगम ने जगह-जगह बोर्ड लगाने के साथ कई कर्मचारियों की तैनाती की है। निजी वाहनों को रोकने के लिए लगे कर्मी इनके प्रति उदासीन रहते हैं। अफसरों की नाक के नीचे कर्मचारी अवैध तरीके से ऑटो स्टैंड संचालित कर रहे हैं, मगर उन्हें दिखाई नहीं पड़ रहा है। यही कारण है कि ऑटो चालक बस यात्रियों को जबर्दस्ती बैठाने की कोशिश करते हैं। वे उनका हाथ पकड़कर खींचते हैं। इसके चलते अक्सर विवाद की स्थिति पैदा होती है।
रोडवेज बस स्टैंड के 500 मीटर के दायरे में वाहन स्टैंड संचालित नहीं हो सकता है। संचालन पर परिवहन निगम संग पुलिस, यातायात और परिवहन अधिकारी जिम्मेदार माने जाते हैं। बार-बार शासन से कार्रवाई का आदेश होता है लेकिन उस पर अमल नहीं होता। उच्चाधिकारियों का अधिक दबाव होने पर अधिकारी कार्रवाई कर रस्म अदायगी कर लेते हैं। रोडवेज कार्यशाला की ओर खोले गए वैकल्पिक मार्ग पर भी दिनभर ई-रिक्शा और आटो खड़े रहते हैं।
रोडवेज बसों से टकराते हैं ऑटो
रोडवेज बस स्टैंड पर जगह कम होने के चलते बसें स्टैंड पर न खड़ी होकर आड़े- तिरछे खड़ी रहती हैं। बसों को आगे-पीछे करने के दौरान अक्सर एक-दूसरे में सट जाती है, इनमें ई-रिक्शा व आटो रिक्शा को आने से स्थिति और बिगड़ जाती है।
टैक्सी वाहनों व ऑटो के अंदर आने पर रोक
किसी भी प्रकार के टैक्सी वाहनों व ऑटो के अंदर आने पर रोक है। मौके पर तैनात कर्मी उन्हें नहीं रोकते तो लापरवाही है, ऐसे कर्मियों को चिह्नित कर कार्रवाई होगी।
- एसके राय, क्षेत्रीय प्रबंधक।