जीएसटी घटे तो दौड़े वाहनों की बिक्री, ऑटो मोबाइल सेक्टर के व्यापारियों की जीएसटी कम करने की मांग
दो तीन व चार पहिया वाहनों के विक्रेताओं को उम्मीद है कि इस साल जीएसटी में उनको कुछ राहत मिले।
वाराणसी, जेएनएन। देश का बजट आगामी एक फरवरी को आने वाला है। इसे लेकर उद्यमियों एवं व्यापारियों की वित्तमंत्री से उम्मीदें भी बढ़ गई है। खासकर ऑटो मोबाइल सेक्टर में। दो, तीन व चार पहिया वाहनों के विक्रेताओं को उम्मीद है कि इस साल जीएसटी में उनको कुछ राहत मिले। विक्रेताओं का कहना है कि जीएसटी बढऩे से व्यापार भी असर पड़ा है। इसके कारण पिछले साल के अनुसार इस साल वाहनों की बिक्री में 10 से 20 प्रतिशत तक की गिरावट भी दर्ज हुई है। हालांकि इसके प्रमुख कारण अन्य कई है। व्यापारियों का कहना है अगर जीएसटी में कुछ राहत मिलती है तो वाहनों की बिक्री में वृद्धि हो सकती है।
बाजार में वाहनों के लिए डिमांड क्रिएट करने की भी जरूरत है, ताकि ग्राहक आए और खरीदारी करें। सरकार को चाहिए कि ऑटो मोबाइल सेक्टर में खरीदारी के लिए खास सुविधा मुहैया कराए। साथ ही जीएसटी को भी कम करने की जरूरत है। समय-समय पर विशेष योजनाएं भी लाने से वाहनों की बिक्री बढ़ेगी। - विनम्र अग्रवाल, क्षेत्रीय निदेशक, फेडरेशन आफ ऑटो मोबाइल डीलर एसोसिएशन।
वित्तमंत्री से मांग है कि ऑटो मोबाइल सेक्टर में जीएसटी कम की जाए। साथ ही लोन सस्ते करने की भी जरूरत है। अगर लोन आसान एवं सस्ता होगा तो वाहनों की बिक्री भी बढ़ेगी। इससे बाजार में रौनक बढ़ेगी। ग्राहक आ तो रहे हैं, लेकिन उनका आना वाहन खरीदारी में नहीं बदल पा रहा है। - अहसन रऊफ खान, अध्यक्ष, वाराणसी ऑटो मोबाइल डीलर एसोसिएशन।
दो पहिया वाहन पर अभी भी 28 प्रतिशत जीएसटी है। इसका असर सीधे विक्रेताओं एवं ग्राहकों पर पड़ रहा है। यही कही है कि इस साल करीब एक हजार गाडिय़ों की बिक्री कम हुई है। ऐसे में सरकार को चाहिए कि ऑटो मोबाइल सेक्टर में जीएसटी 18 प्रतिशत की जाएं। - यूआर सिंह, उपाध्यक्ष, वाराणसी ऑटो मोबाइल डीलर एसोसिएशन।
जीएसटी बढऩे से बिजनेस पर असर पड़ा है। सरकार को चाहिए कि 15 साल पुराने वालों को बंद कर दे। ताकि नए वाहनों की बिक्री बढ़े। पुराने वाहनों के हटने से प्रदूषण को दूषित होने से भी बचाया जा सकता है। यह भी जरूरी है कि मार्केट में कैश फ्लो बढ़े। - राजेश प्रसाद, दो पहिया एवं तीन पहिया वाहन विक्रेता।