Move to Jagran APP

लोहता में आटो चालक का मिला शव, गले और आंख पर चोट के निशान से हत्या की आशंका

लोहता थाना क्षेत्र के चुरामनपुर में गुरुवार को एक अ‌र्द्धनिर्मित मकान में दिव्यांग आटो चालक पंकज का शव मिला।

By Edited By: Published: Fri, 01 Nov 2019 01:38 AM (IST)Updated: Fri, 01 Nov 2019 08:35 AM (IST)
लोहता में आटो चालक का मिला शव, गले और आंख पर चोट के निशान से हत्या की आशंका
लोहता में आटो चालक का मिला शव, गले और आंख पर चोट के निशान से हत्या की आशंका

वाराणसी, जेएनएन। लोहता थाना क्षेत्र के चुरामनपुर में गुरुवार को एक अ‌र्द्धनिर्मित मकान में दिव्यांग आटो चालक पंकज का शव मिला। उसके नाक व कान से खून निकला हुआ था। गले और आंख पर चोट के निशान थे। परिजनों ने हत्या का आरोप लगाते हुए हंगामा किया। पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा है ताकि सच का पता चल सके। चुरामनपुर निवासी सिक्योरिटी गार्ड राजेंद्र सिंह का इकलौता बेटा पंकज सिंह (35 वर्ष) बुधवार को सुबह 11 बजे साइकिल लेकर अपनी मां से यह कहकर निकला कि वह सिगरा जा रहा है।

loksabha election banner

रात को नहीं लौटा तो घरवालों ने उसके दोस्तों से संपर्क करना शुरू किया लेकिन पता नहीं चला। गुरुवार सुबह पंकज के घर से चंद कदम दूर हरिश्चंद्र पटेल के निर्माणाधीन मकान के बेसमेंट में पंकज का शव देखकर आसपास के लोगों ने पुलिस के साथ ही पंकज के घर वालों को सूचना दी।

थानेदार को करना पड़ा आक्रोश का सामना - शव मिलने की सूचना पर पहुंचे थानाध्यक्ष लोहता राकेश सिंह को परिजनों के आक्रोश का सामना करना पड़ा। आरोप लगाया कि पुलिस जानबूझकर पंकज की मौत को हत्या की बजाय कुछ और ही रंग देने पर लगी है। मृतक के दाएं कान से खून आ रहा था। बायी आंख में चोट के निशान थे। शव के पास ही चिलम, बीड़ी के साथ ही नशे का सामान भी पड़ा था। पुलिस का दावा है कि नशे के ओवरडोज के चलते पंकज की मौत हुई है। मौके पर कोई ऐसा साक्ष्य नहीं मिला जिससे हत्या प्रतीत हो। पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद सारा मामला स्पष्ट हो जाएगा।

पहले गया था बैंक - पुलिस की तफ्तीश में यह बात सामने आई है कि घर से निकलकर पंकज भुल्लनपुर स्थित बैंक गया था। वहां पासबुक अपडेट कराया था। उसके खाते में तीन हजार रुपये थे। अभी यह स्पष्ट नहीं है कि उसने बैंक खाते से रुपये निकाले थे या नहीं। सीसीटीवी फुटेज खंगाला जा रहा है।

- आठ महीने से था निगरानी में, चल रहा था इलाज पंकज को नशे की लत थी। नशे की आदत छुड़ाने के लिए परिजन बीते आठ माह से भोजूबीर में एक डाक्टर के यहां उसका उपचार करा रहे थे। पंकज को घर वाले अपनी निगरानी में रखते थे ताकि वह नशे से दूर रहे।

- मां और पत्नी की बिगड़ी तबीयत पंकज के मौत की खबर मिलते ही पत्नी छाया और माता निर्मला देवी बेहोश हो गईं। आसपास के घरों की जुटी महिलाएं उन्हें संभालने में लगी हुई थी। पंकज की तीन बेटिया एकता (5) रुपा (3), दो माह की बेबी और दो साल का बेटा शिवांश है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.