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वाराणसी में दो कालेजों के 80 और शिक्षकों की नियुक्तियों का हुआ सत्यापन, दस्‍तावेज का किया गया मिलान

वाराणसी में शुक्रवार को जांच टीम में दो अशासकीय महाविद्यालयों के 80 शिक्षकों के नियुक्तियों का हुआ सत्यापन किया।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Published: Fri, 24 Jul 2020 09:02 PM (IST)Updated: Sat, 25 Jul 2020 01:48 AM (IST)
वाराणसी में दो कालेजों के 80 और शिक्षकों की नियुक्तियों का हुआ सत्यापन, दस्‍तावेज का किया गया मिलान
वाराणसी में दो कालेजों के 80 और शिक्षकों की नियुक्तियों का हुआ सत्यापन, दस्‍तावेज का किया गया मिलान

वाराणसी, जेएनएन। शासन के निर्देश पर अनुदानिक महाविद्यालयों के शिक्षकों की नियुक्तियों की भी जांच जारी है। इस क्रम में शुक्रवार को जांच टीम में दो अशासकीय महाविद्यालयों के 80 शिक्षकों के नियुक्तियों का हुआ सत्यापन किया। इसमें हरिश्चंद्र पीजी कालेज के 52 व अग्रसेन कन्या पीजी कालेज 28 अध्यापक शामिल हैं।

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उप जिलाधिकारी (पिण्डरा) मनिकंडन ए. ने पहले को जांच के लिए डीएलडब्ल्यू व पिण्डरा बुलाने का निर्णय लिया था। शिक्षकों के विरोध के कारण उन्हेंं अपना निर्णय वापस लेने पड़ा। अंतत: जांच टीम स्वयं महाविद्यालय जाकर शिक्षकों की नियुक्तियों का सत्यापन की। इस दौरान जांच टीम के सदस्यों ने शिक्षकों की नियुक्ति की अर्हता, मेरिट सूची का भी मिलान किया। इसके अलावा मूल शैक्षिक प्रमाणपत्रों का परीक्षण किया जा रहा था। शिक्षकों से पास साइज की फोटो, शैक्षिक योग्यता की छायाप्रति सहित अन्य पत्रावली जमा कराई गई। जांच टीम में पिण्डरा की नायब तहसीलदार साक्षी राय, राजकीय महाविद्यालय (जक्खिनी) के प्राचार्य डा. अखिलेश कुमार,  जक्खिनी के वरिष्ठ प्रवक्ता उमाशंकर गुप्ता सहित अन्य लोग शामिल थे।

अध्यापकों ने जांच समिति पर उठाया सवाल

महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ के अध्यापकों की नियुक्ति की जांच कर रही जांच टीम के सदस्य पर सवाल खड़ा किया है। अध्यापकों का कहना है कि जांच कर रहे सुधीर कुमार मानस पं दीनदयाल उपाध्याय राजकीय महाविद्यालय (पलहीपट्टी) में लाइब्रेयिन पद पर तैनात है। डीएम द्वारा गठित टीम में सुधीर का नाम नहीं है। इसके बावजूद वह शिक्षकों के अभिलेखों की जांच कर रहे हैं। इस संबंध में कुछ अध्यापकों ने शुक्रवार को कुलपति से शिकायत भी दर्ज कराई है। दूसरी ओर जांच समिति के वरिष्ठ सदस्य अनंतव्रत पांडेय का कहना है कि क्षेत्रीय उच्च शिक्षा अधिकारी से लिखित अनुमति लेकर सुधीर को सहयोग में लिया गया है।

प्राथमिक से विवि तक पहुंची जांच की आंच

 कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय (केजीबीवी) की तथाकथित शिक्षिका अनामिका शुक्ला से शुरू हुई शिक्षकों की जांच की आंच अब महाविद्यालय व विश्वविद्यालय तक पहुंच गई है। शासन के निर्देश पर गठित समिति ने जनपद के चारों राजकीय महाविद्यालयों के सभी 51 शिक्षकों के अभिलेखों की जांच कर चुकी है। संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय के सभी 48 अध्यापकों की जांच हो चुकी है। वहीं महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ के शिक्षकों की जांच अब तक पूरी नहीं हो सकी है। समिति अब तक 91 शिक्षकों के अभिलेखों का ही मिलान कर सकी है। शेष 11 शिक्षकों के अभिलेखों का परीक्षण अब 27 जुलाई को होना है।


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