चंदौली जिले में शहरी क्षेत्र में भी नियुक्त होंगी आशा कार्यकर्ता, बेहतर होगी स्वास्थ्य सेवा
स्वास्थ्य विभाग की सेवाओं को जन-जन तक पहुंचाने में अहम रोल अदा करने वाली आशा कार्यकर्ता अब शहरों में भी काम करेंगी। जिले के नगरों में 37 आशा नियुक्ति होंगी। उन्हें आसपास की पीएचसी व सीएचसी से संबद्ध किया जाएगा।
चंदौली, जागरण संवाददाता। स्वास्थ्य विभाग की सेवाओं को जन-जन तक पहुंचाने में अहम रोल अदा करने वाली आशा कार्यकर्ता अब शहरों में भी काम करेंगी। नगर क्षेत्र में 37 आशाओं की नियुक्ति होगी। उन्हें आसपास की पीएचसी व सीएचसी से संबद्ध किया जाएगा। शहरी इलाके में इनकी नियुक्ति से स्वास्थ्य सेवाएं आसानी से लोगों को उपलब्ध होंगी। वहीं विभागीय योजनाओं की जानकारी भी मिलेगी।
आशा जनता और स्वास्थ्य विभाग के बीच सेतु का काम करती हैं। लोग बीमार पड़ने पर सीधे अस्पताल जाने की बजाए गांव की आशा कार्यकर्ता से सलाह लेते हैं। उनकी राय के अनुसार ही संबंधित अस्पताल में चिकित्सक को दिखाकर अपना इलाज कराते हैं। इसके अलावा आशा कार्यकर्ताओं के जरिए उन्हें स्वास्थ्य विभाग से संचालित दर्जनों योजनाओं की जानकारी मिलती है। कोरोना काल में आशा कार्यकर्ताओं ने उम्मीद से बढ़कर काम किया। संदिग्ध मरीजों की निगरानी, गैर प्रांत से गांवों में आने वाले प्रवासियों की सूचना देने के साथ ही मास्क, सैनिटाइजर वितरण में अहम भूमिका निभाई। लोगों को संक्रमण से बचाव के लिए जागरूक भी किया। ऐसे में सरकार ने अब शहरी क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं के बेहतर बनाने के लिए आशा की नियुक्ति का निर्णय लिया है। जिले में 37 आशा कार्यकर्ताओं की नियुक्ति की जाएगी। उन्हें आसपास के अस्पतालों से संबद्ध किया जाएगा। एक-एक आशा बहुओं को कई वार्डों की जिम्मेदारी सौंपी जाएगी। बीमारियों के बारे में लोगों को जागरूक करेंगी। वहीं इलाज आदि की भी व्यवस्था कराएंगी।
स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने की दिशा में कदम : नगरों में आशाओं की नियुक्ति को स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने की दिशा में उठाया गया कदम माना जा रहा है। इससे शहरी क्षेत्रों में भी लोगों को सरकारी अस्पतालों में चिकित्सा सुविधा के लिए भटकना नहीं होगा। आशा कार्यकर्ताओं की सलाह से सरकारी अस्पतालों में सही ढंग से अपना इलाज करा सकते हैं। इसमें खर्च कम लगेगा।
बोले अधिकारी : ‘जिले में 37 आशा कार्यकर्ताओं की नियुक्ति की जाएगी। उन्हें नगरीय क्षेत्रों में तैनात किया जाएगा। इससे नगरों में स्वास्थ्य सेवाओं और बेहतर होंगी। वहीं लोगों को इलाज के लिए निजी अस्पतालों की शरण नहीं लेनी पड़ेगी। -डाक्टर वीपी द्विवेदी, सीएमओ।