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फर्जी प्रवर्तन दल का भेदिया निकला एआरटीओ का चालक, सिपाही सहित 19 लोगों के खिलाफ दर्ज हुई एफआइआर

टेंगरा मोड़-भीटी बाइपास पर एसटीएफ की कार्रवाई के दौरान हत्थे चढ़े गिरोह के सदस्यों ने संभागीय परिवहन विभाग के कर्मचारियों से मिली भगत कर अवैध वसूली के कई राज उगले है।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Published: Mon, 30 Dec 2019 04:25 PM (IST)Updated: Mon, 30 Dec 2019 04:25 PM (IST)
फर्जी प्रवर्तन दल का भेदिया निकला एआरटीओ का चालक, सिपाही सहित 19 लोगों के खिलाफ दर्ज हुई एफआइआर
फर्जी प्रवर्तन दल का भेदिया निकला एआरटीओ का चालक, सिपाही सहित 19 लोगों के खिलाफ दर्ज हुई एफआइआर

वाराणसी, जेएनएन। टेंगरा मोड़-भीटी बाइपास पर एसटीएफ की कार्रवाई के दौरान हत्थे चढ़े गिरोह के सदस्यों ने संभागीय परिवहन विभाग के कर्मचारियों से मिली भगत कर अवैध वसूली के कई राज उगले है। इसके आधार पर एआरटीओ के निजी चालक और सिपाही सहित 19 लोगों के खिलाफ रविवार को स्थानीय थाने में मुकदमा दर्ज कर लिया गया। एक बार फिर इस खेल के पर्दाफाश होने से संभागीय परिवहन विभाग के अधिकारी और कर्मचारियों पर शिकंजा कसे जाने का अनुमान है। इस कार्रवाई से पूरे महकमे में अफरा-तफरी का माहौल है।

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पूछताछ के दौरान पता चला कि भदोही से चित्रकूट बदली होने के बाद भी एआरटीओ का सिपाही सुमित राय तथा जौनपुर में तैनात सिपाही दीपक सिंह मोबाइल फोन से अवैध वसूली करने वाले गिरोह को सूचना देते रहते थे। इस काम में एआरटीओ अरुण राय के चालक जितेंद्र सिंह यादव तथा यात्रीकर अधिकारी केपी गुप्ता के निजी चालक इकबाल का भी नाम प्रकाश में आया है। जो अधिकारियों के मूवमेंट से पहले इसकी जानकारी साझा कर देते थे। बदले में वाहन स्वामी उन्हें मोटी रकम देता था। एआरटीओ (प्रवर्तन) एके राय ने कहा कि चालक की हरकतों को देखते हुए उसे हटा दिया गया है। चालक से कोई लेना-देना नहीं है। पुलिस की कार्रवाई में पूरा सहयोग किया जाएगा। हाइवे पर लोकेशन के सहारे ट्रकों को पास कराने के बारे में उच्च अधिकारियों को भी अवगत कराया जा चुका है।

लगा रहे थे लाखों की चपत

चर्चित चंदौली के निलंबित एआरटीओ आरएस यादव प्रकरण से संभागीय परिवहन विभाग सुर्खियों में आया था। सीमावर्ती इलाकों में वाहन पास कराने का खेल उजागर हुआ था। सख्ती और आरएस यादव पर हुई कार्रवाई का भी असर नहीं दिखा। ओवरलोडिंग का खेल चलता रहा। अवैध वसूली में लिप्त शातिर गिरोह के सदस्य विभागीय कर्मचारियों की मिली भगत से लाखों रुपये की चपत लगाते रहे।


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