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पहले चालान फिर दर्ज कराएंगे मुकदमा, एआरटीओ ने वाणिज्य कर विभाग को कार्रवाई करने को कहा

ट्रैवेल एजेंसी पर शिकंजा कसने के साथ सहायक संभागीय परिवहन अधिकारी (प्रशासन) ने वाणिज्य कर कार्यालय को पत्र लिखा है।

By Abhishek SharmaEdited By: Published: Mon, 20 Jan 2020 09:57 AM (IST)Updated: Mon, 20 Jan 2020 09:57 AM (IST)
पहले चालान फिर दर्ज कराएंगे मुकदमा, एआरटीओ ने वाणिज्य कर विभाग को कार्रवाई करने को कहा
पहले चालान फिर दर्ज कराएंगे मुकदमा, एआरटीओ ने वाणिज्य कर विभाग को कार्रवाई करने को कहा

वाराणसी, जेएनएन। ट्रैवेल एजेंसी पर शिकंजा कसने के साथ सहायक संभागीय परिवहन अधिकारी (प्रशासन) ने वाणिज्य कर कार्यालय को पत्र लिखा है। उन्होंने पत्र में लिखा है कि सर्विस कर के दायरे में आने के बाद भी ट्रैवेल एजेंसी संचालक वाणिज्य कर में पंजीयन नहीं कराते हैं। परिवहन कार्यालय में मात्र 32 संचालकों ने ट्रैवेल एजेंसी का पंजीयन कराया है, यदि आपके यहां संख्या अधिक है तो उसकी सूची उपलब्ध कराएं। पहले उनका चालान किया जाएगा, फिर दर्ज होगा मुकदमा। दैनिक जागरण ने 15 जनवरी के अंक में 'शहर में फर्जी नाम-पते पर ट्रैवेल एजेंसी' खबर प्रमुखता से प्रकाशित की थी। जिस पर विभाग ने संज्ञान लिया है।

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अध्यात्म की नगरी काशी पर्यटन की दृष्टि से काफी महत्वपूर्ण है। यहां श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर, गंगा आरती और घाट, सारनाथ आदि स्थानों पर देसी-विदेशी पर्यटक भ्रमण करने आते हैं। पर्यटक ट्रैवेल एजेंसी से विभिन्न प्रकार की गाडिय़ां लेकर भ्रमण करते हैं। लेकिन, पर्यटक कहां से आया है, उसे कहां जाना हैं उसका कोई लेखा-जोखा उनके पास नहीं होता है। उधर, परिवहन कार्यालय में मात्र 32 ट्रैवेल एजेंसी का पंजीयन होने पर डीटीसी ने नाराजगी जाहिर करते हुए उनके खिलाफ कार्रवाई करने का निर्देश दिया है। साथ ही एआरटीओ से रिपोर्ट मांगी है। डीटीसी ने कहा है कि ट्रैवेल एजेंसी से जुड़े पर्यटन, पुलिस, खुफिया विभाग को पत्र जारी कर कहे कि वे अपने स्तर से समय-समय पर जांच करते रहे। क्योंकि होटलों में ठहरे विदेशी पर्यटकों की रिपोर्ट स्थानीय थाने, खुफिया के साथ पर्यटन विभाग को जाती है। 

बोले अधिकारी : अवैध तरीके से संचालित ट्रैवेल एजेंसी के खिलाफ टीम गठित करके कार्रवाई की जाएगी। वाणिज्य कर विभाग को पत्र लिखकर उनके खिलाफ कार्रवाई करने को कहा गया है। पंजीयन नहीं कराने वाली एजेंसी का पहले चालान किया जाएगा। फिर थाने में मुकदमा दर्ज कराया जाएगा। - सर्वेश सिंह, एआरटीओ (प्रशासन)।


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