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संस्कृत विश्वविद्यालय : सूबे के 60 संस्कृत कालेजों में फंसी हुई है नियुक्तियां

सूबे के संस्कृत कालेजों में अब आयोग के माध्यम से शिक्षकों की भर्ती होगी। इसी के तहत शासन ने अगले आदेश तक अध्यापकों की नियुक्तियों पर रोक लगा दी है।

By JagranEdited By: Published: Wed, 13 Feb 2019 07:03 AM (IST)Updated: Wed, 13 Feb 2019 07:03 AM (IST)
संस्कृत विश्वविद्यालय : सूबे के 60 संस्कृत कालेजों में फंसी हुई है नियुक्तियां
संस्कृत विश्वविद्यालय : सूबे के 60 संस्कृत कालेजों में फंसी हुई है नियुक्तियां

वाराणसी, जेएनएन। सूबे के संस्कृत कालेजों में अब आयोग के माध्यम से शिक्षकों की भर्ती होगी। इस क्रम में शासन ने अगले आदेश तक संस्कृत कालेजों में अध्यापकों की नियुक्तियों पर रोक लगा दी है। इसके चलते सूबे के 60 कालेजों में करीब 130 शिक्षकों की नियुक्तियां फंसी हुई हैं। इनमें से कई महाविद्यालयों में चयन समिति की हो चुकी है। इसके बावजूद नियुक्तियां अधर में लटकी हुई है। नियुक्तियों पर रोक लगने के कारण संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय संबद्ध कालेजों को नियुक्तियों के लिए अनुमोदन नहीं दे रहा है। जबकि नियुक्तियों पर रोक लगने से पहले ही सूबे के कई महाविद्यालय विज्ञापन करा चुके थे। विश्वविद्यालय इनमें से कई महाविद्यालयों को चयन समिति के लिए विशेषज्ञ भी नामित कर चुका है। कुछ कालेज साक्षात्कार भी करा चुके हैं। इस बीच आयोग से नियुक्तियां करने का शासन ने फरमान जारी कर दिया। वहीं अब तक आयोग गठन नहीं किया जा सका। लंबी प्रक्रिया होने के कारण आयोग के गठन में देर लगना स्वभाविक है। दूसरी ओर सूबे में तमाम ऐसे महाविद्यालय हैं जहां एक व दो शिक्षक रह गए है। शिक्षकों के अभाव में संबंधित महाविद्यालयों में पठन-पाठन प्रभावित हो रहा है। इस संबंध में कुलपति प्रो. राजाराम शुक्ल 11 फरवरी को लखनऊ में मुख्यमंत्री से मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने मुख्यमंत्री से आयोग के गठन होने तक संस्कृत कालेजों में नियुक्ति प्रक्रिया जारी रखने की मांग रखी। इस क्रम में संस्कृत कालेजों में नियुक्तियों के लिए आयोग के गठन सहित अन्य बिंदुओं पर शासन ने लखनऊ में बैठक बुलाई है। इसमें कुलसचिव राज बहादुर भी बुलाए गए हैं।

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संस्कृत विवि में फिर शुरू हुई नियुक्ति प्रक्रिया : संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय में अध्यापकों के करीब 75 पद रिक्त चल रहे हैं। इन पदों पर नियुक्तियों के लिए विज्ञापन भी जारी किया जा चुका है। इस बीच आरक्षण के नए मानक को लेकर चयन समिति स्थगित कर दी गई है। आरक्षण को लेकर एक बार फिर नई गाइड लाइन जारी होने होते ही विश्वविद्यालय ने नियुक्ति प्रक्रिया पुन: शुरू कर दी है। इस क्रम नव्य व्याकरण विभाग में अध्यापकों की नियुक्ति के लिए 23 फरवरी को चयन समिति बुलाई गई है। न्याय, वेदांत व व्याकरण में प्रोफेसर, एसोसिएट प्रोफेसर व असिस्टेंट प्रोफेसर पद के लिए कुलपति आवास पर साक्षात्कार 27 फरवरी तक बुलाई गई है। इसी माह के अंत में कार्य परिषद भी बुलाने का निर्णय लिया गया है।


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