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अशासकीय सहायता प्राप्त सात जूनियर हाई स्कूलों में नियुक्तियों से संबंधित फाइलें जब्त

अशासकीय सहायता प्राप्त सात जूनियर हाईस्कूलों में पांच वर्ष पहले हुई नियुक्तियों को जांच अब नए सिरे से हो रही है।

By Edited By: Published: Sat, 29 Feb 2020 02:50 AM (IST)Updated: Sat, 29 Feb 2020 08:35 AM (IST)
अशासकीय सहायता प्राप्त सात जूनियर हाई स्कूलों में नियुक्तियों से संबंधित फाइलें जब्त
अशासकीय सहायता प्राप्त सात जूनियर हाई स्कूलों में नियुक्तियों से संबंधित फाइलें जब्त

वाराणसी, जेएनएन। अशासकीय सहायता प्राप्त सात जूनियर हाईस्कूलों में पांच वर्ष पहले हुई नियुक्तियों की जांच अब नए सिरे से हो रही है। बेसिक शिक्षा निदेशक के निर्देश पर गुरुवार को दो सदस्यीय जांच टीम बीएसए आफिस धमकी। जो पूरे दिन नियुक्तियों की फाइलें खंगाली रही। इस दौरान टीम ने विद्यालयों के प्रबंधकों व आरोप लगाने वाले पक्ष का बयान भी दर्ज किया। वहीं 30 से अधिक लोगों ने जांच समिति को प्रत्यावेदन भी दिया। जांच टीम ने सातों विद्यालयों की फाइलें अध्ययन करने के लिए जब्त कर ली।

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सत्र 2015-16 में तत्कालीन बीएसए हरिकेश यादव के कार्यकाल में 14 अशासकीय सहायता प्राप्त जूनियर हाईस्कूलों में करीब 40 हेडमास्टर, शिक्षक व कर्मचारियों की नियुक्ति की गई थी। नियुक्तियों में अनियमितता का आरोपों को देखते हुए शासन ने इसकी जांच प्रयागराज की संयुक्त शिक्षा निदेशक गायत्री को सौंपी थी। संयुक्त शिक्षा निदेशक की रिपोर्ट पर शासन ने तत्कालीन बीएसए हरिकेश यादव को निलंबित भी कर दिया था। वहीं वर्ष 2018 में तत्कालीन बीएसए बीबी चौधरी ने पांच विद्यालयों के 11 हेडमास्टर, सहायक अध्यापक व कर्मचारी को बर्खास्त भी कर दिया था। बर्खास्त शिक्षक न्यायालय की शरण में चले गए।

उनका दावा है कि उनकी नियुक्तियां नियमसंगत तरीके से हुई है। दूसरी ओर दिग्विजय विश्वकर्मा नामक व्यक्ति ने नियुक्ति में अनियमितता का आरोप लगाते हुए लोकायुक्त से भी शिकायत कर दी। बेसिक शिक्षा निदेशक ने इसकी दोबारा जांच बेसिक शिक्षा के अपर शिक्षा निदेशक (शिविर) की सुत्ता सिंह व राज्य शैक्षिक तकनीकी संस्थान, लखनऊ की निदेशक ललिता प्रदीप सौंपी है। जांच समिति ने इसकी जांच भी शुरू कर दी है। जांच को लेकर बीएसए आफिस में दोपहर तक प्रबंधकों, शिक्षकों की भीड़ लगी रही। कई प्रबंधकों ने प्रत्यावेदन देकर नियमानुसार नियुक्ति करने का दावा किया है। वहीं जांच समिति के सदस्यों का कहना है कि फाइलों का अध्ययन करने के बाद ही नियमित या अनियमित नियुक्तियों के बारे में कुछ कहा जा सकता है। बहरहाल जांच टीम शाम को लखनऊ लौट गई।

इन विद्यालय में हुई नियुक्तियां जांच के दायरे में

-विश्वकर्मा पूर्व माध्यमिक विद्यालय (रौना खुर्द)

-पुष्परंजन बालिका विद्यालय (पांडेयपुर)

-शिव दुर्गेश्वरी उच्चतर माध्यमिक विद्यालय (असवारी-कुवार बाजर)

-ग्राम सेवा मंडल जूनियर हाईस्कूल (नई बस्ती-पांडेयपुर)

-जगनारायण तिवारी विद्यालय साधोगंज (बड़ागांव)

-चौधरी चरण सिंह विद्यालय (खजुरी)

-मुनेश्वर सरदार बालिका विद्यालय (सारनाथ)


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