पटाखों के लिए नहीं आ रहे पहले की तरह आवेदन, व्यापारी भी पटाखा के लाइसेंस लेने कर रहे परहेज
तमाम तरह के प्रतिबंधों को देखते हुए व्यापारी वर्ग पटाखों की बिक्री को लेकर उदासीन है। पटाखों के लिए तहसील स्तर से उपजिलाधिकारी के यहां से लाइसेंस जारी होते है। जनपद की चारों तहसीलों को मिलाकर अभी तक महज छह आवेदन आए हैं।
मऊ, जेएनएन। इस बार तमाम तरह के प्रतिबंधों को देखते हुए व्यापारी वर्ग पटाखों की बिक्री को लेकर उदासीन है। पटाखों के लिए तहसील स्तर से उपजिलाधिकारी के यहां से लाइसेंस जारी होते है। जनपद की चारों तहसीलों को मिलाकर अभी तक महज छह आवेदन आए हैं। जबकि पिछले वर्ष प्रशासन ने पटाखा बिक्री के लिए 65 लाइसेंस जारी किए थे। इसके पूर्व 2018 में यह संख्या 50 थी। जिले में कोपागंज, चिरैयाकोट सहित पटाखा की चार स्थायी दुकानें हैं। वर्ष 2009 से अब तक पटाखों की अवैध बिक्री को लेकर मामले में सात मुकदमे दर्ज किए गए हैं। लाइसेंस जारी होने से पहले ही चोरी छिपे पटाखों की बिक्री शुरू हो गई है। प्रशासन की तरफ से किसी भी दुकान पर बिना लाइसेंस हासिल किए पटाखा बेचने की अनुमति नहीं है।
कोपागंज के पटाखा व्यापारी मुन्ना मद्देशिया का कहना है कि कोरोना से पूरा देश जूझ रहा है। ऐसे में पटाखा कारोबार कर खुद की जान जोखिम में नहीं डालना है। ऐसे में पटाखा कारोबार नहीं किया जाएगा। घोसी के व्यापारी आनंद पटवा का कहना है कि पटाखा से प्रदूषण फैलाने से बेहतर जीवन है। जीवन रहेगा, तभी पटाखा कारोबार होगा। आज जिस तरह का माहौल है, उससे बचने की जरूरत है। वहीं वायु प्रदूषण्ा के खतरे भी कम नहीं हैं।
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किसी भी कीमत पर बिना लाइसेंस के पटाखा को बेचने नहीं दिया जाएगा। हालांकि इस साल पटाखा के लिए लाइसेंस लेने वालों की तादाद काफी कम है। फिर भी पूरी तरह से अवैध पटाखा कारोबार पर पाबंदी लगाई जाएगी। -जेएन सचान, नगर मजिस्ट्रेट।