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वाराणसी की संस्कृत यूनिवर्सिटी में बढ़ रहा फ्रेंच भाषा के लिए रुझान

रोजगारपरक कोर्स होने की वजह फ्रेंच भाषा के प्रति युवाओं में ललक बढ़ रही है, आध्यात्मिक नगरी काशी में हर साल बड़ी संख्या में विदेशी पर्यटक घूमने के लिए आते हैं।

By Amal ChowdhuryEdited By: Published: Mon, 13 Nov 2017 12:38 PM (IST)Updated: Mon, 13 Nov 2017 02:14 PM (IST)
वाराणसी की संस्कृत यूनिवर्सिटी में बढ़ रहा फ्रेंच भाषा के लिए रुझान
वाराणसी की संस्कृत यूनिवर्सिटी में बढ़ रहा फ्रेंच भाषा के लिए रुझान

वाराणसी (जागरण संवाददाता)। सांस्कृतिक नगरी काशी के संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय में फ्रेंच भाषा के प्रति छात्रों का बढ़ता जा रहा है। संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय के आधुनिक भाषा एवं भाषा विज्ञान विभाग के अंतर्गत फ्रेंच भाषा में डिप्लोमा कोर्स के लिए इस बार 90 आवेदन मिले हैं। जबकि नेपाली में महज एक और अंग्रेजी में 22 आवेदन प्राप्त हुए हैं। प्रत्येक विषय में डिप्लोमा कोर्स के लिए 60 सीटें निर्धारित हैं।

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रोजगारपरक कोर्स होने की वजह फ्रेंच भाषा के प्रति युवाओं में ललक बढ़ रही है। आध्यात्मिक नगरी काशी में हर साल बड़ी संख्या में विदेशी पर्यटक घूमने के लिए आते हैं। जिनमें फ्रांसीसी नागरिक भी शामिल होते हैं। ऐसे में छात्रों का रुझान इस कोर्स की तरफ बढ़ रहा है। पहले भी डिप्लोमा कोर्स के लिए प्राप्त आवेदनों में सर्वाधिक संख्या फ्रेंच की ही होती थी। ऑनलाइन माध्यम से संबंधित कोर्स में आवेदन 12 तक लिए गए। दाखिले के लिए 13-14 नवंबर को साक्षात्कार होगा।

आधुनिक भाषा एवं भाषा विज्ञान विभाग की विभागाध्यक्ष प्रो. विनीता सिंह कहती हैं, देश-विदेश में रोजगार के बेहतर अवसर की वजह से फ्रेंच भाषा के प्रति युवाओं का आकर्षण बढ़ रहा है। भविष्य में इस कोर्स में दाखिले की प्रतिस्पर्धा और बढ़ेगी।

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नगण्य थी फ्रेंच के जानकारों की संख्या: वर्ष 1965 में प्रकाशित वाराणसी के गजेटियर के मुताबिक काशी में विश्व की कई प्रमुख भाषाओं जैसे चीनी और ग्रीक के जानकार मौजूद थे। मगर फ्रेंच भाषा के जानकारों की संख्या तब नगण्य थी। इस लिहाज से काशी में वैदेशिक भाषा के तौर पर सर्वविद्या की राजधानी में फ्रेंच को शिक्षण-प्रशिक्षण में स्थान मिलना यहां के विद्यार्थियों के लिए बेहतर अवसर है।

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