गुणवत्ता और प्रगति देखने के लिए एप, शासन में बैठे अफसर कर सकेंगे मानीटरिंग
सांसद व विधायक निधि से जारी धनराशि का ठीकेदार अब दुरुपयोग नहीं कर पाएंगे। जिला विकास अभिकरण (डीआरडीए) एक ऐसा एप लांच करने जा रहा है।
वाराणसी, जेएनएन। सांसद व विधायक निधि से जारी धनराशि का ठीकेदार अब दुरुपयोग नहीं कर पाएंगे। जिला विकास अभिकरण (डीआरडीए) एक ऐसा एप लांच करने जा रहा है जिसके जरिए निधि के कार्यो की गुणवत्ता और काम की मानीटरिंग की जाएगी। डीआरडीए ने एप बनाने के लिए एक निजी एजेंसी से समझौता भी कर लिया है। एक माह के अंदर एजेंसी को ऐप बनाकर विभाग को सौंपने को कहा गया है। इस एप में जनप्रतिनिधि भी शामिल होंगे, जिससे वे अपने निधि के कामों को देख सकेंगे। शासन में बैठे अफसर भी जनप्रतिनिधियों के निधि के विकास कार्य को देख सकेंगे।
सांसद, विधायक और एमएलसी के निधि का काम डीआरडीए के माध्यम से होता है। माननीय की निधि से होने वाले कामों की गुणवत्ता और समय से पूरा नहीं होने पर सवाल उठने लगते हैं। जनप्रतिनिधि इसकी शिकायत शासन में करते हैं। जनप्रतिनिधियों के शिकायत से बचने के लिए विभाग ने एप से मानीटरिंग करने का निर्णय लिया है। डीआरडीए के परियोजना निदेशक उमेशमणि त्रिपाठी ने कहा कि एप लांच होने के साथ उसमें संबंधित जनप्रतिनिधि का नाम, उनके द्वारा जारी की गई राशि, काम का नाम और क्या-क्या होना है आदि दिखाई पड़ेगा। काम शुरू होने के साथ उसकी प्रगति के बारे में एप से जानकारी हासिल की जाएगी। जरूरत के मुताबिक एप पर दिशा-निर्देश दिए जाएंगे। इस एप से विभाग के साथ कार्यदायी संस्था जुड़ी होगी। जनप्रतिनिधि जुडऩा चाहेंगे तो उन्हें भी जोड़ा जाएगा, इससे वे खुद अपने निधि के कामों की मानीटरिंग कर सकेंगे।