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तंबाकू की लक्ष्मण रेखा खींचेगी सरकार, स्कूलों-अस्पतालों और सरकारी दफ्तरों के बाहर पीली पंट्टी

तंबाकू नियंत्रण अभियान को धार देने के लिए स्वास्थ्य विभाग अब इसकी लक्ष्मण रेखा खींचने जा रहा है।

By JagranEdited By: Published: Tue, 21 Aug 2018 09:15 AM (IST)Updated: Tue, 21 Aug 2018 09:15 AM (IST)
तंबाकू की लक्ष्मण रेखा खींचेगी सरकार, स्कूलों-अस्पतालों और सरकारी दफ्तरों के बाहर पीली पंट्टी
तंबाकू की लक्ष्मण रेखा खींचेगी सरकार, स्कूलों-अस्पतालों और सरकारी दफ्तरों के बाहर पीली पंट्टी

प्रमोद यादव, वाराणसी : तंबाकू नियंत्रण अभियान को धार देने के लिए स्वास्थ्य विभाग अब इसकी लक्ष्मण रेखा तय करेगा। इसके लिए शिक्षण संस्थानों, चिकित्सा इकाइयों समेत सरकारी प्रतिष्ठानों के 100 गज के दायरे में पीली पंट्टी खींची जाएगी। इसमें तंबाकू चबाना और धुआं उड़ाना प्रतिबंधित होगा। परिसर में कार्यरत लोगों के साथ ही बाहर से आने वालों पर उल्लंघन की स्थिति में कोटपा एक्ट 2003 के तहत जुर्माना लगाया जाएगा। स्वास्थ्य विभाग येलो लाइन कैंपेन चलाएगा, इसके लिए 31 अगस्त तक की टाइम लाइन दी गई है। बनाए जाएंगे नोडल अफसर : टोबैको फ्री जोन की निगरानी के लिए दफ्तरवार नोडल अधिकारी बनाए जाएंगे। इसमें प्रतिष्ठान के प्रभारी या नामित कोई अधिकारी कर्मचारी होंगे जो जुर्माने की रसीद काटेंगे। यह 200 रुपये तक होगा। इसे लागू कराने के लिए संबंधित प्रतिष्ठानों के गेट पर 'तंबाकू मुक्त क्षेत्र', 'धूमपान रहित क्षेत्र' और 'यहा धूमपान करना अपराध है' लिखे बोर्ड लगाने होंगे। शैक्षणिक संस्थानों के 100 गज की परिधि में तंबाकू उत्पाद विक्रय पर भी 200 रुपये का जुर्माना लगेगा। इसके लिए शैक्षणिक संस्थान प्रमुखों को संस्था के बाहर ही चेतावनी बोर्ड लगाना होगा। इस पर साफ शब्दों में 'तंबाकू मुक्त शिक्षण संस्थान' के साथ यह भी लिखना होगा कि शिक्षण संस्थान के 100 गज के दायरे में सिगरेट व अन्य तंबाकू उत्पाद बिक्री दंडनीय है। 26 जनवरी 2019 तक तंबाकू से आजादी : शासन ने 26 जनवरी 2019 तक तंबाकू से आजादी का लक्ष्य रखा है। इसके लिए राष्ट्रीय तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रम व कोटपा -2003 को तय तिथि तक पूरी तरह प्रभावी किया जाना है। कैंपेन को इस जागरूकता अभियान की कड़ी माना जा रहा है। इसकी शुरुआत सरकारी प्रतिष्ठानों, स्वास्थ्य इकाइयों और शिक्षण संस्थानों से की जा रही है। वास्तव में इसका उद्देश्य तंबाकू से होने वाली कैंसर समेत अन्य जानलेवा बीमारियों से बचाना तो है ही प्रधानमंत्री की ओर से चलाए जा रहे स्वच्छता अभियान को भी मुकाम दिलाना है। 15 अगस्त को की जा चुकी शुरुआत : मुहिम की शुरूआत 15 अगस्त को ही की जा चुकी है। इसमें स्कूलों-अस्पतालों से लेकर सभी सरकारी प्रतिष्ठानों में तंबाकू छोड़ने की शपथ दिलाई जा चुकी है। तिरंगे को साक्षी मान ली गई शपथ की तस्वीरें प्रदेश तंबाकू नियंत्रण प्रकोष्ठ को भेजी भी जा चुकी हैं। हालांकि इस पहली कवायद का खास असर कहीं नजर नहीं आ रहा। बैठकों में खींचा गया खाका, सर्वे में बनाई गई रणनीति : पिछले माह प्रदेश स्वास्थ्य महानिदेशालय में तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रम से संबंध अधिकारियों के साथ बैठक कर अभियान का खाका खींचा गया। इसे पूरी तरह लागू करने के लिए सर्वे कर रणनीति बनाई गई। इसके लिए तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रम के केंद्रीय अधिकारियों की टीम ने दो दिन पहले पूरे बनारस का सर्वे भी किया। हालांकि इसमें टीम कोई ऐसा स्थान चिह्नित नहीं कर पाई जहां विशेष अभियान चलाने की दरकार हो। ऐसे में तय किया गया कि फिलहाल सरकारी प्रतिष्ठानों, शिक्षण संस्थानों व चिकित्सा इकाइयों को तंबाकू मुक्त करने पर जोर दिया जाएगा।

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