मुख्य अभियंता पद पर भेजे जाएंगे अंशुल अग्रवाल, मामले में जांच को लेकर सितंबर से चल रहे थे अनुपस्थित
कई आरोपों के चलते पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड के निदेशक पद से हटाए गए अंशुल अग्रवाल को अब मुख्य अभियंता बनाया गया है।
वाराणसी, जेएनएन। मछोदरी उपकेंद्र में 36 घंटे बिजली आपूर्ति बाधित होने व अन्य कई आरोपों के चलते पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड के निदेशक पद से हटाए गए अंशुल अग्रवाल को अब मुख्य अभियंता बनाया गया है। हालांकि उनकी नई तैनाती कहां होगी, यह तय होना बाकी है। यह पहला मौका है जब एक ही मामले में प्रबंध निदेशक, निदेशक, मुख्य अभियंता, अधीक्षण अभियंता, अधिशासी अभियंता, उपखंड अधिकारी व अवर अभियंता पर कार्रवाई हुई है। इस कारण विभाग में हड़कंप के साथ यह कार्रवाई कई सवाल व संदेश भी छोड़ गई है।
मंत्री का ईगो तो नहीं टकराया
बताया जा रहा है कि मछोदरी मामले में एक स्थानीय विधायक व मंत्री के सख्त तेवर के कारण इतनी बड़ी कार्रवाई हुई है। जानकारों का कहना है कि मंत्री व भाजपा नेताओं का अधिकारियों से ईगो टकरा गया था।
जब 42 घंटे बिजली कटी थी तो...
मछोदरी विद्युत उपकेंद्र से जुड़े इलाके में सात जुलाई को 18 और 21 जुलाई को 36 घंटे बिजली गुल थी। एक पखवाड़ा पहले ही कैंट क्षेत्र में 42 घंटे आपूर्ति बाधित हुई थी, लेकिन इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं हुई।
यह रहा आरोप पत्र
जांच में पाया गया कि मछोदरी उपकेंद्र को एक अन्य उपकेंद्र आइडीएच से दी जाने वाली वैकल्पिक आपूर्ति के लिए केबिल ठीक कर व्यवस्थित नहीं किया गया था। इस कारण घंटों आपूर्ति बाधित रही। यही नहीं अधिकारियों पर यह भी आरोप है कि विभिन्न जिलों में लंबे समय से खराब 2500 ट्रांसफार्मर समयबद्ध तरीके से रिपेयर नहीं कराए गए।
सभी से मांगा गया था स्पष्टीकरण
इस मामले में सभी अधिकारियों से स्पष्टीकरण मांगा गया था। वहीं क्षेत्र के अधिशासी अभियंता, उपखंड अधिकारी एवं दो जेई पर उसी समय निलंबित कर दिया गया था। इसके बाद मुख्य अभियंता व अधीक्षण अभियंता को भी हटाया गया। यूपीपीसीएल के वरिष्ठ जनसंपर्क अधिकारी केके सिंह अखिलेश ने बताया कि इस मामले में प्रबंध निदेशक गोविंद एनएस राजू को भी हटाया गया है। चेयरमैन आलोक कुमार ने बताया कि अंशुल अग्रवाल को निदेशक पद से हटाकर मुख्य अभियंता बनाया गया है।
अपने ही लोगों के आंख की किरकिरी बन गए थे अंशुल
बताया जा रहा है कि निदेशक अंशुल अग्रवाल नेताओं के साथ ही पूर्वांचल डिस्काम मुख्यालय के ही कुछ अधिकारियों की आंखों की किरकिरी बन गए थे। कारण कि जब एमडी अवकाश पर रहते थे तो अंशुल को ही प्रभार मिलता था, जो कुछ अधिकारी पचा नहीं पाते थे।