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अन्नपूर्णा मन्दिर में अन्नकूट पर्व पर स्वर्णमयी अन्नपूर्णा का कपाट भक्‍तों के लिए एक वर्ष तक बंद Varanasi news

अन्नपूर्णा मन्दिर में अन्नकूट पर्व पर स्वर्णमयी अन्नपूर्णा का कपाट भक्‍तों के लिए एक वर्ष तक बंद कर दिया गया है।

By Abhishek SharmaEdited By: Published: Tue, 29 Oct 2019 02:14 PM (IST)Updated: Tue, 29 Oct 2019 02:14 PM (IST)
अन्नपूर्णा मन्दिर में अन्नकूट पर्व पर स्वर्णमयी अन्नपूर्णा का कपाट भक्‍तों के लिए एक वर्ष तक बंद Varanasi news
अन्नपूर्णा मन्दिर में अन्नकूट पर्व पर स्वर्णमयी अन्नपूर्णा का कपाट भक्‍तों के लिए एक वर्ष तक बंद Varanasi news

वाराणसी, जेएनएन। अन्नपूर्णा मन्दिर में अन्नकूट पर्व पर स्वर्णमयी अन्नपूर्णा का कपाट भक्‍तों के लिए एक वर्ष तक बंद कर दिया गया है। वहीं देर रात तक दर्शन पूजन और शयन आरती के बाद मां का प्रसाद पाने के लिए देश विदेश के कोने - कोने से भक्त पहुंचे और वर्ष भर के लिए मंगलकामना की। स्वर्णमयी कपाट का एक वर्ष के लिये पट बन्द होने से पूर्व भक्‍तों ने दरबार में अंतिम दर्शन पूजन के लिए कतार बद्ध होकर शयन आरती में भाग लिया। मंदिर में दर्शन वर्ष में कुल चार दिन ही होता है, मंदिर में दर्शन धनतेरस से लेकर अन्नकूट तक लाखों भक्त मंदिर में सिर नवाने आते हैं। चौथे दिन अन्नकूट पर्व का एक अलग ही मान्यता होती है, मान्‍यता है कि इस दिन मां का प्रसाद पाने से सभी शारीरिक कष्ट दूर हो जाते हैं।

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चौथे व आखरी दिन आस्‍थावानों की दूर दूर तक कतार होने से देर रात तक आस्‍था का सागर उमड़ता रहा। भक्‍तों की कतार टूटी ही नही, एक कतार गोदौलिया व दूसरी कतार चौक थाने के आगे थी। भोग आरती तक 50 हजार भक्तों ने दर्शन कर लिये थे और भीड़ अत्यधिक होने से अन्नकूट के दिन मन्दिर रात्रि एक घण्टे देर से 11.45 पर बन्द हुआ। वहीं चार दिन में लगभग 4 लाख से ऊपर भक्तों ने मां अन्‍नपूर्णा के दरबार में हाजरी लगाई। अन्नपूर्णा मंदिर में मां के स्वर्णमयी प्रतिमा के दरबार की सजावट में शुद्ध देशी घी से निर्मित 56 प्रकार के विविध पकवानों, व्यंजनों से 12 बजे भोग लगा कर भक्तों में प्रसाद पाना प्रारम्भ हुआ। वहीं कच्चा पक्का प्रसाद मिला कर लगभग 100 कुंतल से अधिक का मां अन्‍नपूर्णा को भोग लगाया गया। इससे पूर्व भोर में विधि विधान से उप महन्त शंकरपुरी ने स्वर्णमयी विग्रह का पूजन कर आम भक्तों के लिये पट खोला।

कपाट भोर से देर रात तक दर्शन पूजन के लिए खुलने के साथ ही आस्‍थावानों की भारी भीड़ जुटी रही। बाबा दरबार क्षेत्र में चाैतरफा गलियां जाम रहीं। इसकी वजह से सुरक्षाकर्मियों को काफी मशक्‍कत करनी पड़ी।दर्शनार्थियों में वाराणसी पूर्वांचल के विभिन्न जिलों के अलावा कर्नाटक, तमिलनाडु के लोग अधिक संख्‍या में शामिल रहे। हजारों भक्तो ने देर शाम तक प्रसाद ग्रहण किया। इसके बाद मंदिर महन्त रामेश्वरपुरी ने रात्रि 11.50 पर महाआरती कर स्वर्णमयी अन्नपूर्णा विग्रह का पट बन्द किया। सुरक्षा की बाबत लगातार सुरक्षाकर्मी सब पर ध्यान दिए हुये थे, मन्दिर में बने कंट्रोल रूम से भी सभी कैमरे पर लगातार नजर बनाये हुये थे। भक्तों के लिए परिसर में लगातार दो चिकित्‍सक तैनात थे। सैकड़ों की संख्या में इस दौरान भक्तों का उपचार हुआ। वहीं भीड़ काे लेकर भक्तों को पानी पिलाने के लिए वाटर ब्वाय भी रखे गए थे। वहीं अन्‍नपूर्णा दरबार में दर्शन करने वालों में विशिष्ट जनों में अन्नकूट पर उप राष्ट्रपति का परिवार भी शामिल था।


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