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पूर्वांचल विश्वविद्यालय के हॉस्टल में भोजन को लेकर खत्म नहीं हो रहा छात्रों का गुस्सा

वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय के ओल्ड बीटेक हॉस्टल में भोजन को लेकर छात्रों की नाराजगी खत्म नहीं हो रही है।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Published: Sun, 15 Dec 2019 05:41 PM (IST)Updated: Sun, 15 Dec 2019 05:41 PM (IST)
पूर्वांचल विश्वविद्यालय के हॉस्टल में भोजन को लेकर खत्म नहीं हो रहा छात्रों का गुस्सा
पूर्वांचल विश्वविद्यालय के हॉस्टल में भोजन को लेकर खत्म नहीं हो रहा छात्रों का गुस्सा

जौनपुर, जेएनएन। वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय के ओल्ड बीटेक हॉस्टल में भोजन को लेकर छात्रों की नाराजगी खत्म नहीं हो रही है। विगत करीब डेढ़ महीने में तीन मेस संचालक बदले जा चुके हैं। इसके बाद भी स्‍टूडेंट का गुस्सा शांत नहीं हो पा रहा है। छात्र आए दिन मानक के खिलाफ खराब भोजन को लेकर शिकायत दर्ज करा रहे हैं, जिस पर कोई अमल नहीं हो रहा।

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विश्वविद्यालय के डा.सीवी रमन (ओल्ड बीटेक) हॉस्टल में बीटेक तृतीय, चतुर्थ व पीजी फाइनल ईयर के 185 छात्र रहते हैं। इस हॉस्टल के छात्र पिछले कई महीने से भोजन की गुणवत्ता को लेकर विरोध जता रहे हैं। कभी मानक के विपरीत तो कभी घटिया भोजन के आरोप को लेकर छात्र प्रदर्शन करते आ रहे हैं। जिस वजह से चीफ वार्डेन को पिछले डेढ़ महीने में तीन बार मेस बदलनी पड़ी। इसके बाद भी छात्रों का गुस्सा शांत नहीं हो रहा है। छात्र लगातार हॉस्टल की शिकायत पंजिका पर घटिया व मानक के विपरीत भोजन परोसे जाने की शिकायत कर रहे हैं। एक पखवारा पूर्व घटिया भोजन को लेकर हंगामा करने वाले चार छात्रों को पांच दिन के लिए निष्कासित कर दिया गया था। जिसपर छात्रों ने काफी हंगामा किया था और विश्वविद्यालय को उनका निष्कासन रद्द करना पड़ा। छात्रों का आरोप है कि हॉस्टल में भोजन की गुणवत्ता बहुत खराब है। प्रतिबंध के बावजूद पुरुष हॉस्टल में महिला कर्मचारियों से काम कराए जा रहे हैं। शिकायत करने पर छात्रों को चुप करा दिया जाता है। जिससे खफा छात्रों ने सेमेस्टर परीक्षा के बाद आंदोलन का निर्णय लिया है।

पू‍विवि के चीफ वार्डेन डा.राजकुमार सोनी  ने कहा कि हॉस्टल के कुछ छात्र बेवजह छोटी चीजों का बतंगड़ बनाते हैं, जिसके लिए एक कमेटी बनाई गई है, जो हॉस्टल में खामियों व भोजन की गुणवत्ता से प्रत्येक दिन अवगत कराएगी। रही बात महिला कर्मचारियों की तो जरूरत की जगह अधिकांश जगहों पर महिला स्वीपर ही काम कर रही हैं, जो अपना काम काफी अच्छे ढंग से करती हैं।


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