जेएनयू हिंसा के खिलाफ बीएचयू में आक्रोश, सुरक्षा कारणों से परिसर में भारी फोर्स की रही तैनाती
जेएनयू में हुए हिंसा के मद्देनजर बीएचयू में सोमवार की सुबह से भारी फोर्स थी।
वाराणसी, जेएनएन। जेएनयू में हुई हिंसा के मद्देनजर बीएचयू में सोमवार की सुबह से भारी संख्या में फोर्स तैनात कर दी गई। लेकिन दोपहर होते ही एबीवीपी संगठन के कई छात्र जेएनयू हिंसा के विरोध में वामपंथ का पुतला दहन किया। इस दौरान छात्रों ने बताया कि जेएनयू में वामपंथ की जड़ें हिल रहीं है, जिससे वे हिंसा को बढ़ावा दे रहे हैं। जेएनयू हिंसा के खिलाफ छात्र नेता डा. अरूण कुमार चौबे के नेतृत्व में सैकड़ों छात्र महिला महाविद्यालय चौराहे से होते हुए वामपंथ के खिलाफ नारेबाजी करते हुए तख्तियां लेकर मुख्य द्वार पर पहुंचे। मौके पर मौजूद पुलिस बलों ने तत्काल मुख्य द्वार बंद करा दिया।
हालांकि इस बीच पुलिस व छात्रों के बीच धक्का मुक्की भी हुई, ऐसे में अंदर ही छात्रों ने पुतला दहन कर दिया। इसके बाद पुलिस बल ने छात्रों को हटाकर सिंहद्वार को खाली कराया व आम लोगों की आवाजाही के लिए मुख्य द्वार खोल दिया गया। इस दौरान अरूण चौबे ने कहा कि हिंसा में दोषी छात्रों की तत्काल गिरफ्तारी हो व घायल छात्रों के आर्थिक हर्जाने की मांग की। छात्रों ने व्यक्त की प्रतिक्रिया सोमवार को विश्वविद्यालय में पूरे दिन जेएनयू विवाद को लेकर मधुबन से छात्रावासों तक छात्रों में गहमागहमी का माहौल रहा। बीती रात विवि प्रशासन द्वारा परिसर स्थित मधुबन को धरना स्थल घोषित कर दिया गया है। जिसके बाद से सोमवार की सुबह मीडिया के साथ कई छात्र मुखातिब हुए।
इस मौके पर उपस्थित छात्र नेता विकास सिंह ने बताया कि छात्रों व शिक्षकों पर यह बर्बर हमला बेहद निंदनीय है। छात्र आज सड़क पर मुख्य विपक्ष की भूमिका में हैं और शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार व फीस वृद्धि के मुद्दे को उठा रहे हैं। ऐसी घटनाओं से छात्र एकता को चोट पहु़ंच रही है। सरकार इसके दोषियों को तत्काल चिह्नित कर कार्रवाई करे। वहीं एबीवीपी के छात्र रत्नेश त्यागी ने कहा कि वामपंथियों ने हिंसा के सहारे शिक्षा व्यवस्था को ध्वस्त करने का प्रयास किया है। इससे जेएनयू में शिक्षा के स्वस्थ माहौल को लगातार चुनौती मिल रही है।