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वाराणसी में कोरोना काल में बेसहारों का सहारा बनीं ‘एंजल गर्ल’ सोनम, अस्पताल से श्मशान तक कर रहीं मदद

कोरोना काल में हमने अपनों को अपनों से दूर जाते देखा है। रिश्तेदारों को अस्पताल और श्मशान से भागते सुना है लेकिन इन सब के बीच काशी की एक बहादुर बेटी कोरोना के खौफ को छोड़कर लोगों की मदद में जुटी है।

By Abhishek SharmaEdited By: Published: Wed, 05 May 2021 01:04 PM (IST)Updated: Wed, 05 May 2021 01:04 PM (IST)
वाराणसी में कोरोना काल में बेसहारों का सहारा बनीं ‘एंजल गर्ल’ सोनम, अस्पताल से श्मशान तक कर रहीं मदद
काशी की एक बहादुर बेटी कोरोना के खौफ को छोड़कर लोगों की मदद में जुटी है।

वाराणसी, जेएनएन। कोरोना काल में हमने अपनों को अपनों से दूर जाते देखा है। रिश्तेदारों को अस्पताल और श्मशान से भागते सुना है, लेकिन इन सब के बीच काशी की एक बहादुर बेटी कोरोना के खौफ को छोड़कर लोगों की मदद में जुटी है। अस्पताल में इलाज से लेकर श्मशान में अंतिम संस्कार तक काशी की सोनम कुमारी चंद्रवंशी लोगों की मदद करने में जुटीं हैं। सोनम का कहना है कि उनसे किसी असहाय का दुःख देखा नहीं जाता और वह उनकी मदद के लिए कहीं भी पहुंच जाती हैं।

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ऐसे हुई शुरुआत 

सोनम कुमारी की उम्र महज 20 वर्ष है। वह महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ से बीकॉम द्वितीय वर्ष की पढ़ाई कर रही हैं। उनके पिता समाचार-पत्र विक्रेता हैं और मां घर के कामकाज संभालती हैं। सोनम की पांच बहनें और एक भाई है। सोनम ने बताया कि समाज के लिए कुछ बेहतर करने की चाह उनके मन में चार साल पहले जागी। जब उन्होंने वाराणसी की सड़कों पर घायल बेजुबान जानवरों की मदद शुरू की तो वह बिल्कुल अकेली थीं, लेकिन उन्होने अपने दृढ़ निश्चय को टूटने नहीं दिया। एक तरफ घर वालों का बिलकुल सहयोग नहीं मिलता था तो वहीं दूसरी ओर घायल बेजुबान जानवरों के इलाज और खाने के लिए पैसों की जरूरत भी पड़ रही थी।

सोनम ने किसी के आगे हाथ नहीं फैलाए। कोचिंग के लिए जो पैसे उन्हें मिलते थे वह उससे उनकी मदद करती थीं। जानवरों के इलाज के लिए पशु चिकित्सालयों में डॉक्टरों का सहयोग भी नहीं मिलता था। ऐसे कई संघर्ष सोनम ने अपने शुरुआती दौर में देखे, लेकिन वह तब भी पीछे नहीं हटीं। इसके बाद वह धीरे-धीरे इंटरनेट मीडिया के जरिये लोगों से जुड़ती गईं और उनकी नेक पहल के लिए उनके साथ एक के बाद एक साथी जुड़ते गए। वर्तमान में उनके घर में आठ स्ट्रीट डॉग की देखरेख हो रही है और लगभग 200 से अधिक स्ट्रीट डॉग को रोजाना खाना खिलाने का कार्य करती हैं। 

आपदा में असहाय लोगों की कर रहीं मदद 

-सड़कों पर बेजुबानों की मदद के लिए हमेशा तैयार रहने वाली सोनम अब इन दिनों अस्पताल में बेसहारा लोगों का सहारा बन रही हैं। वह बताती हैं कि पिछले साल जब वाराणसी में कोरोना की शुरुआत हुई थी तब से वह इस आपदा में असहाय लोगों की मदद कर रही हैं। वर्तमान स्थिति को देखते हुये वह प्रतिदिन अस्पताल और सड़कों पर लोगों को मुश्किल में देख रहीं हैं तो उनकी मदद के लिए आगे भी आ रही हैं । सोनम ने बताया कि वह बीते चार सालों से वाराणसी के सड़कों पर बेजुबान जानवरों की सेवा कर रही थीं, लेकिन आपदा के इस दौर में इंसान भी खुद असहाय महसूस कर रहे हैं। बेसहारों के साथ ही जिनके जानने वाले हैं, उन्हें भी लोग कोरोना के डर से छोड़े जा रहे हैं। ऐसे में हम लोग पैसे इकट्ठा कर उनका अंतिम संस्कार भी कर रहे हैं, जो अस्पताल में भर्ती हैं और जिन्हें प्लाज्मा की आवश्यकता है, तो उनके लिए भी सोनम लगातार प्रयासरत हैं। सोनम अब तक दर्जनों लोगों की मदद कर चुकी हैं। सोनम का जज्बा काबिले तारीफ है। यही वजह है कि काशी के लोग इसे ‘एंजल गर्ल’ ‘जानवरों की मसीहा’ आदि नाम से जानते हैं और इस नेक काम के लिए उसे सलाम भी करते हैं।


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