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Anamika Shukla : वाराणसी में भी अनामिका की नियुक्ति, नहीं की थी सेवापुरी में विज्ञान शिक्षिका के रूप में ज्‍वाइनिंग

सूबे के 25 जिलों के कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों में एक साथ नियुक्ति हासिल करने वाली अनामिका शुक्ला के खिलाफ बनारस में भी प्राथमिकी दर्ज कराने की तैयारी चल रही है।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Published: Sat, 06 Jun 2020 09:24 PM (IST)Updated: Sun, 07 Jun 2020 12:58 AM (IST)
Anamika Shukla : वाराणसी में भी अनामिका की नियुक्ति, नहीं की थी सेवापुरी में विज्ञान शिक्षिका के रूप में ज्‍वाइनिंग
Anamika Shukla : वाराणसी में भी अनामिका की नियुक्ति, नहीं की थी सेवापुरी में विज्ञान शिक्षिका के रूप में ज्‍वाइनिंग

वाराणसी, जेएनएन। Anamika Shukla फर्जी पते के आधार पर सूबे के 25 जिलों के कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों में एक साथ नियुक्ति हासिल करने वाली अनामिका शुक्ला के खिलाफ बनारस में भी प्राथमिकी दर्ज कराने की तैयारी चल रही हैं। चयन समिति को गुमराह करने व फर्जीवाड़े के आरोप में बीएसए ने सेवापुरी के खंड शिक्षा अधिकारी को एफआइआर दर्ज कराने का निर्देश दिया है।

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बीएसए राकेश सिंह ने बताया कि फर्जी अभिलेखों के आधार पर तत्कालीन बीएसए जय सिंह के कार्यकाल में अनामिका सेवापुरी ब्लाक के कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय में विज्ञान शिक्षिका के रूप में मानदेय पर नियुक्त होने में सफल हो गई थीं लेकिन अब तक ज्वाइन नहीं की थी। शासन की ओर से कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय में तैनात शिक्षकों के डिजिटल डेटाबेस तैयार करने के दौरान अनामिका के मामले की पोल खुली। अलीगढ़ में उनके खिलाफ धोखधड़ी के मामले में मुकदमा दर्ज होने की बात कही जा रही है। बीएसए ने कहा कि कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय से उनके समस्त रिकार्ड मंगा लिए गए हैं।

अब नए सिरे होगा सत्यापन

अनामिका शुक्ला की नियुक्ति का मामला सामने आने के बाद शिक्षा महकमा पूरी तरह अलर्ट हो गया है। बीएसए ने इसी क्रम में जनपद के छहों कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों में तैनात कुल 43 शिक्षिकाओं के प्रमाणपत्रों का सत्यापन नए सिरे से कराने का आदेश दिया है।

कौन है अनामिका शुक्‍ला

दरअसल अनामिका शुक्‍ला नाम की साइंस की शिक्षिका बेसिक शिक्षा विभाग के कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय रायबरेली में तैनात रही है। मैनपुरी जिले के हसनपुर निवासी अनामिका शुक्ला पर एक साथ 25 जिलों में फर्जी दस्तावेज लगाकर नौकरी करने का आरोप है। चर्चा है कि अनामिका ने 13 महीने में एक करोड़ रुपये का वेतन उठाया। टीचरों की नियुक्ति कॉन्ट्रेक्ट पर होती है और उन्हेंं हर महीने 30 हजार रुपये की तनख्वाह मिलती है। उत्तर प्रदेश सरकार के बेसिक शिक्षा विभाग के अंतर्गत उत्तर प्रदेश में कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय (केजीबीवी) में कार्यरत अनामिका शुक्ला ने एक वर्ष में वेतन के रूप में लगभग एक करोड़ रुपये कमाये। इस दौरान वह एक साथ 25 जिलों में काम करती रहीं और किसी को भनक तक नहीं लगी। विभाग ने जब शिक्षकों का डेटाबेस बनाया तो मामला सामने आया। अब इनके खिलाफ जांच का आदेश दिया गया है। अनामिका शुक्ला को प्रदेश के जिलों में 25 विभिन्न स्कूलों में नियोजित किया गया था। हर जगह से उनके खाते में सैलरी भी आ रही थी। एक बार रिकॉर्ड अपलोड होने के बाद, यह पाया गया कि अनामिका शुक्ला, एक ही व्यक्तिगत विवरण के साथ 25 स्कूलों में सूचीबद्ध थीं। इस दौरान अनामिका शुक्ला, पूर्णकालिक शिक्षिका के रूप में 25 स्कूलों में कार्यरत थीं।


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