वाराणसी में अखिल राजभाषा सम्मेलन में बोले अमित शाह - 'हिंदी को देश की, आमजन की भाषा बनाएं'
केंद्रीय गृहमंत्री टीएफसी बड़ालालपुर में सम्मेलन का शुभारंभ करते हुए कहा कि स्थानीय भाषा को मजबूत करने का दायित्व राजभाषा विभाग का है राजभाषा को मजबूत करने का दायित्व आप सब का है। आप सभी अभिभावकों से अपील है कि अपने घरों में बच्चो से स्थानीय भाषा में बात करें।
वाराणसी, जागरण संवाददाता। दो दिवसीय अखिल भारतीय राजभाषा सम्मेलन का शुभारंभ करते हुए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने लोगों से अपील की कि हिंदी को देश की भाषा बनाएं, आमजन की भाषा बनाएं।
केंद्रीय गृहमंत्री टीएफसी बड़ालालपुर में सम्मेलन का शुभारंभ करते हुए कहा कि स्थानीय भाषा को मजबूत करने का दायित्व राजभाषा विभाग का है, राजभाषा को मजबूत करने का दायित्व आप सब का है। आप सभी अभिभावकों से अपील है कि आप अपने घरों में बच्चो से स्थानीय भाषा मे बात करें। गर्व महसूस कराएं। मौलिक चिन्तन स्वभाषा से ही संभव है। इसी से आपका , देश का विश्व का कल्याण संभव है। हम गुजराती है लेकिन हमें हिंदी बोलने में हिचक नहीं होती है। यही आप सब को करना है , जिस दिन यह हिचक खत्म होगी, हिंदी सर्ममान्य हो जाएगी। हिंदी नदी की धारा है, इसको बहने दीजिए। यह किसी पर लादने की जरूरत नहीं। आजादी की लड़ाई के समय भी अलग अलग प्रान्तों से लोगो ने सहभागिता की लेकिन महात्मा गांधी जी हिंदी को ही जनांदोलन की भाषा बनाए।
हिंदी के विद्वानों से एक ही आग्रह है इसे लचीला बनाने की दिशा में चिंतन करे। कार्य करें। राजभाषा विभाग ही।नहीं ' मैं' स्वयं आपके साथ खड़ा मिलूंगा। कमेटी गठित करने की बात होगी तो वह भी होगा। हिंदी को सभी की भाषा बनाने व इसके विकास के लिए निरन्तर प्रयास होगा। उद्घाटन सत्र में मुख्यमन्त्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि तुलसीदास जी ने अवधि में रामचरित मानस लिखा। आज हर सनातन धर्म से जुड़े लोगों के घरों में यह पुस्तक मिल जाएगी। हर लोगो को जुबानी कुछ न कुछ चौपाई याद होगी। काशी तो हिंदी के उद्भव से लेकर अब तक कि सफर का गढ़ है।
केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय कुमार मिश्र ने हिंदी की संवैधानिक स्थिति पर प्रकाश डाला। कहा कि प्रधानमंत्री व गृहमंत्री की अगुवाई में निरन्तर हिंदी के उत्थान को लेकर कार्य हो रहा है। राज्यसभा के सभापति हरिवंश नारायण सिंह ने हिंदी के अब तक के विकास के सफर को विस्तार से रखा। राजभाषा की सचिव ने स्वागत संबोधन तो कुमुदलता ने संचालन किया। मंच पर केन्दीय मंत्री महेंद्र पांडेय, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष स्वतन्त्र देव सिंह, पूर्व राज्यपाल केशरी नाथ त्रिपाठी समेत अन्य गणमान्य लोग मौजूद रहे।