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यस बैंक के म्यूचुअल फंड निवेशकों की सांसें अटकी, एटीएम व शाखा से रुपये निकालने में जुटे ग्राहक

निजी क्षेत्र के यस बैंक के ग्राहकों में अपनी जमा पूंजी डूबने को लेकर शनिवार को भी हड़कंप की स्थिति रही।

By Edited By: Published: Sun, 08 Mar 2020 03:03 AM (IST)Updated: Sun, 08 Mar 2020 03:04 AM (IST)
यस बैंक के म्यूचुअल फंड निवेशकों की सांसें अटकी, एटीएम व शाखा से रुपये निकालने में जुटे ग्राहक
यस बैंक के म्यूचुअल फंड निवेशकों की सांसें अटकी, एटीएम व शाखा से रुपये निकालने में जुटे ग्राहक

वाराणसी, जेएनएन। निजी क्षेत्र के यस बैंक के ग्राहकों में अपनी जमा पूंजी डूबने को लेकर शनिवार को भी हड़कंप की स्थिति रही। धन निकासी के संकट के बीच उपभोक्ता जनपद में सिगरा स्थित बैंक की एकमात्र शाखा से धन निकासी को सुबह से कतार में लगे रहे। इसमें कई बार बैंक कर्मियों व उनके बीच नोकझोंक हुई। उपभोक्ताओं की भीड़ और स्थिति को देखते हुए पुलिस तैनात थी। हालांकि, वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण व आरबीआइ गवर्नर शक्तिकांत दास ने भरोसा दिलाया है कि जमाकर्ताओं की पूंजी नहीं डूबने दी जाएगी।

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खाताधारकों को उच्च स्तर से आश्वासन मिल रहा है, लेकिन यस बैंक के बांड्स में निवेश करने वालों और इसमें भारी भरकम पैसा लगाने वाले म्यूचुअल फंड निवेशकों की सांसें अटकी हुई हैं। इस बैंक में करीब साढ़े छह हजार खाताधारक हैं। करीब चार हजार लोगों ने शुक्रवार को भी पैसे निकाले थे। यस बैंक के प्रबंधक हेमंत रामचंदानी ने बताया कि ग्राहकों ने शनिवार को एटीएम एवं शाखा से सारे पैसे निकाल लिए।

कारोबारियों के करोड़ों रुपये फंसे

लघु उद्योग भारती काशी प्रांत के अध्यक्ष राजेश कुमार सिंह ने बताया है कि सात मार्च टीडीएस जमा करने की आखिरी तारीख थी और 15 मार्च एडवांस इनकम टैक्स जमा करना होता है। इस माह में बीमा भुगतान व इनकम टैक्स छूट प्राप्त करने को कई तरह की योजनाओं में जमा किया जाता है। बैंक से निकासी पर रोक लगने से पूरा कारोबार चौपट होने की स्थिति में आ गया है। लघु उद्योग भारती काशी प्रात के कारोबारियों ने ऑनलाइन भुगतान न होने पर चिंता जताई है। वहीं वाराणसी बिल्डर्स एंड डेवलपर्स एसोसिशन के कई सदस्यों के करोड़ों रुपये यस बैंक में फंसे हुए हैं। एसोसिएशन के अध्यक्ष अनुज डिडवानिया ने कहा कि बैंकों में इस तरह की अनियमितता व लापरवाही का अर्थव्यवस्था पर बहुत बुरा असर होता है। इससे न सिर्फ बैंकों की कार्यप्रणाली बल्कि सरकार की विश्वसनीयता पर प्रश्नचिह्न लगता है। बताया कि उनकी कंपनी के 30 लाख से अधिक डूबने के कगार पर हैं। महासचिव अनिल कुमार सिंह ने कहा कि यस बैंक की वर्तमान स्थिति से शहर के अन्य बिल्डरों व व्यापारियों को पूंजी डूबने की आशंका है। कहा कि मात्र 50 हजार रुपये निकालने की सीमा बहुत कम है।


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