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Ajit Singh Murder case : पूर्व ब्लाक प्रमुख की हत्या में शामिल थे छह शूटर, पुलिस ने चिह्नित किए 25 शरणदाता

Ajit Singh Murder case लखनऊ में पूर्व ब्लाक प्रमुख अजीत सिंह हत्याकांड में कुल छह शूटर शामिल थे। सभी शूटरों की जिम्मेदारी निर्धारित की गई थी। शूटरों में वाराणसी के चोलापुर के लखनपुर निवासी गिरधारी के अलावा तीन आजमगढ़ व एक-एक मुंबई व हरियाण के हैं।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Published: Fri, 15 Jan 2021 06:50 AM (IST)Updated: Fri, 15 Jan 2021 09:38 AM (IST)
Ajit Singh Murder case : पूर्व ब्लाक प्रमुख की हत्या में शामिल थे छह शूटर, पुलिस ने चिह्नित किए 25 शरणदाता
Ajit Singh Murder case लखनऊ में पूर्व ब्लाक प्रमुख अजीत सिंह हत्याकांड में कुल छह शूटर शामिल थे।

वाराणसी, जेएनएन। Ajit Singh Murder case लखनऊ में पूर्व ब्लाक प्रमुख अजीत सिंह हत्याकांड में कुल छह शूटर शामिल थे। सभी शूटरों की जिम्मेदारी निर्धारित की गई थी। शूटरों में चोलापुर के लखनपुर निवासी गिरधारी के अलावा तीन आजमगढ़ व एक-एक मुंबई व हरियाण के हैं। शूटरों को शरण व संरक्षण देने वाले 25 लोगों को पुलिस ने चिह्नित किया है। सभी आजमगढ़, बनारस, जौनपुर, लखनऊ से जुड़े हैं। इनकी कुंडली खंगाली जा रही है। उधर, तहसील में वर्ष 2019 में हुए सारनाथ के हिस्ट्रीशीटर व ठेकेदार नितेश सिंह बबलू की हत्या में शूटर गिरधारी को तलब करने के लिए कोर्ट से जारी वारंट बी लेकर पुलिस दिल्ली पहुंच गई है। पुलिस तिहाड़ जेल में वारंट बी को तामील कराएगी।

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रेलवे के ठेकों के लिए पूर्व सांसद व विधायक ने मिलाया हाथ

सदर तहसील परिसर में सारनाथ थाने के हिस्ट्रीशीटर व ठेकेदार नितेश सिंह उर्फ बबलू की हत्या के पीछे की अहम वजह एक पूर्व सांसद व सत्तापक्ष के एक विधायक का हाथ मिलाना बताया जा रहा है। सूत्रों के मुताबिक रेलवे के ठेकों में वर्चस्व कायम करने के लिए पूर्व सांसद ने विधायक से हाथ मिलाया है। इसी के बाद नितेश को रास्ते से हटाने की साजिश रची गई थी। इस काम की जिम्मेदारी शार्प शूटर गिरधारी को सौंपी गई थी। जुर्म की दुनिया में पूर्वांचल के कुख्यात नामों की रियल एस्टेट और ठेकेदारी के काम में कड़ी प्रतिद्वंद्विता रही है। इसके साथ ही इन सभी की चाहत यह भी रहती है कि सत्ता के गलियारे तक उनके नाम की धमक भी हो। मुन्ना बजरंगी और व पूर्व सांसद की अदावत के पीछे यह एक अहम वजह रही।

पांच साल में हुई हत्याओं के शूटर व साजिशकर्ता होंगे बेनकाब

अदावत में मुन्ना बजरंगी गिरोह पर करारा प्रहार तब हुआ जब लखनऊ के विकास नगर में पांच मार्च 2016 को उसके साले पुष्पजीत उर्फ पीजे की हत्या कर दी गई। पीजे की हत्या से बजरंगी उबर नहीं पाया था कि एक दिसंबर 2017 को लखनऊ के ग्वारी ओवरब्रिज पर उसके दाएं हाथ कहलाने वाले वसूली मैनेजर विश्वेश्वरगंज निवासी मोहम्मद तारिक की हत्या कर दी गई। इन सभी वारदातों में एक नाम सामने आया। वह है रिटायर्ड पुलिस उपाधीक्षक के बेटे का। दिल्ली में गिरधारी की गिरफ्तारी के बाद तमाम वारदातों की परत खुलने लगी हैं। पुलिस अधिकारियों के मुताबिक विगत पांच वर्षों में प्रदेश की राजधानी से यहां तक मारे गए लोगों की हत्या में शामिल शूटर और साजिशकर्ता भी बेनकाब होंगे।

आसान नहीं होगा राज उगलवाना

पुलिस सूत्रों ने बताया कि शातिर बदमाश गिरधारी से कुछ भी राज पाना आसान नहीं है। फिर भी प्रयास यही होगा कि गिरधारी चारों हत्या के बारे में सही, सटीक और सार्थक जानकारी दे। ताकि, उसके नेटवर्क से जुड़े अन्य लोगों पर भी प्रभावी कार्रवाई हो सके।

एक सफेदपोश के घर रची थी अजीत की हत्या की साजिश

लखनऊ में पूर्व ब्लाक प्रमुख अजीत सिंह की हत्या की साजिश एक सफेदपोश के घर रची गई थी। हत्या की वजह पूर्व विधायक सर्वेश सिंह सीपू की हत्या में अजीत की गवाही न होने देने के साथ ही मुहम्मदाबाद गोहना के ब्लाक प्रमुख चुनाव में गिरधारी के आगे कोई सशक्त प्रत्याशी नहीं उतरने देना था। पुलिस सूत्रों के अनुसार, आजमगढ़ जेल में बंद ध्रुव सिंह उर्फ कुंटू वारदात का सूत्रधार था और उसने गिरधारी को विश्वास में लिया था। फिर इसकी जानकारी जेल में ही बंद अखंड प्रताप सिंह और पूर्व सांसद व सुल्तानपुर निवासी उसके दो गुर्गों को भी दी गई। आजमगढ़ निवासी सफेदपोश ने ही कुंटू के कहने पर गिरधारी के लखनऊ जाने के साथ ही उसके रहने-ठहरने और आवागमन की व्यवस्था भी कराई थी।

करीबी हुए भूमिगत

गिरधारी की गिरफ्तारी के बाद उसके करीबी भूमिगत होना शुरू हो गए हैं। पूर्व ब्लाक प्रमुख की हत्या के बाद लखनऊ पुलिस उसके करीबियों की धरपकड़ के लिए ताबड़तोड़ छापेमारी कर रही है। कुछ पुलिस के हाथ भी लगे हैं। पुलिस उनसे पूछताछ कर रही है। इनमें गिरधारी को शरण व संरक्षण देने वाले शामिल हैं। आने वाले दिनों में पुलिस पूर्व सांसद पर भी हाथ रख सकती है।


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