सुधार की ओर बनारस की हवा, मलदहिया व अर्दली बाजार में स्थिति अभी कमजोर ही
राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र से प्रदूषित हवा लेकर पहुंची पछुआ ने स्थानीय कारकों के साथ मिलकर शहर का वातावरण खतरनाक बना दिया था। दीपावली के बाद खतरनाक स्थिति में पहुंच चुकी बनारस की हवा में गुरुवार से शुरू हुए सुधार में शनिवार को और बढ़ोतरी हुई।
जागरण संवाददाता, वाराणसी। राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र से प्रदूषित हवा लेकर पहुंची पछुआ ने स्थानीय कारकों के साथ मिलकर शहर का वातावरण खतरनाक बना दिया था। दीपावली के बाद खतरनाक स्थिति में पहुंच चुकी बनारस की हवा में गुरुवार से शुरू हुए सुधार में शनिवार को और बढ़ोतरी हुई। शहर का वायु गुणवत्ता सूचकांक शनिवार को 234 रहा। भेलूपुर व बीएचयू क्षेत्र की स्थिति संतोषजनक की ओर बढ़ चली है तो मलदहिया व अर्दली बाजार में स्थिति अभी कमजोर ही है। मलदहिया क्षेत्र में शनिवार को एक्यूआइ 248 रहा तो अर्दली बाजार में 214 तक आ गया।
ये दोनों क्षेत्रों में हवा अभी भी संतोषजनक नहीं है। जबकि भेलूपुर में एक्यूआइ 192 तो बीएचयू में 159 पर आ गया। यहां स्थिति संतोषजनक होने की उम्मीद बढ़ गई है। दीपावली के दिन से राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में बढ़ा प्रदूषण पछुआ हवाओं के साथ बढ़ते हुए पूर्वी उत्तर प्रदेश के बनारस तक आ गया था। पूरे क्षेत्र में स्थानीय कारकों के साथ मिलकर इस धुंध ने पूरे इलाके को अपने आगोश में ले लिया था, इसकी वजह से हवा काफी प्रदूषित होकर खतरनाक हो गई थी। इससे सांस के मरीजों की संख्या व परेशानी बढ़ने लगी थी। प्रशासन व क्षेत्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने अपने स्तर पर प्रारंभिक उपायों के तहत पानी का छिड़काव शुरू कराते हुए निर्माण कार्यों को ढक देने की अपील की थी। ताकि धूल कम से कम उड़े और दूषित हवा की वजह से धुंध के साए से जल्द से जल्द वातावरण बाहर निकल सके। बीएचयू के मौसम विज्ञानी प्रो. मनोज कुमार श्रीवास्तव ने लगातार हवा चलने से धुंध के छंटने की उम्मीद जताई थी। एक सप्ताह बाद इसका प्रभाव देखने को मिला। उम्मीद है कि एक-दो दिनों में इसमें और सुधार होगा।