बीएचयू में एम्स जैसी सुविधा पर लग सकती है सैद्धातिक मुहर
वाराणसी में बीएचयू के सर सुंदरलाल अस्पताल को एम्स जैसी सुविधा मुहैया कराने की सूरत बन रही है।
वाराणसी : बीएचयू के सर सुंदरलाल अस्पताल को एम्स जैसी सुविधा मुहैया कराने को लेकर 19 जून को नई दिल्ली में फिर से बैठक होने जा रही है। इस बैठक में इस सुविधा को सैद्धातिक मुहर लगने की उम्मीद है। सरकार एवं बीएचयू के बीच अगर यह समझौता हो जाता है तो यहा पर हर साल आने वाले करीब 20 करोड़ मरीजों को मुफ्त में इलाज एवं जाच मिलने लगने लगेगी।
मालूम हो बीएचयू अस्पताल को एम्स का दर्जा दिलाने को लेकर कई साल से माग चल रही है। पिछले कुलपति के कार्यकाल में भी इसको लेकर स्वास्थ्य मंत्रालय राजी हो गया था। फंड देने को भी मंत्रालय तैयार हो गया था, लेकिन यहा के कुछ अधिकारियों ने वर्चस्व के लिए मरीजों के हित को तिलाजलि दे दी। बीएचयू अस्पताल को सोने का अंडा देने वाली मुर्गी की भी संज्ञा दी जाती है। ऐसे में अगर आला अधिकारियों के अधिकार में थोड़ी सी भी कटौती दिखती है तो उन्हें बहुत ही कष्ट होता है। वे उस वक्त मरीजों के कष्ट को भूल जाते हैं और महामना के आगन की दुहाई देने लगते हैं। हालाकि कई अधिकारी ऐसे में भी है जो व्यक्तिगत स्वार्थ से ऊपर उठकर मरीजों की हित में सोच रहे हैं। इसको लेकर कार्डियोलॉजी विभाग के डा. ओम शकर सहित कई तमाम डाक्टरों ने कई दिनों तक अनवरत धरना भी दिया गया था। अब मरीजों के हित में वर्तमान कुलपति प्रो. राकेश भटनागर, आइएमएस डायरेक्टर प्रो. वीके शुक्ला, एसएस अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डा. ओपी उपाध्याय इस सकारात्मक कार्य को आगे बढ़ा रहे हैं। नई दिल्ली में कई राउंड इसको लेकर बैठक भी हो चुकी है। कारण कि 20 करोड़ मरीजों को मुफ्त व बेहतर उपचार दिलाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी काफी गंभीर हैं। पीएमओ की पहल पर मानव संसाधन विकास मंत्रालय, स्वास्थ्य मंत्रालय व नीति आयोग की ओर से इसका ब्लू प्रिंट तैयार किय गया है। मंगलवार को होने वाली बैठक में इस सुविधा को सैद्धातिक मुहर लग सकती है।