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पर्यटन स्थल के रूप में विकसित होगी अघोराचार्य की जन्मस्थली, बोले मुख्‍यमंत्री योगी आदित्यनाथ

मुख्‍यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि अघोराचार्य बाबा कीनाराम की जन्मस्थली का पर्यटन स्थल के रूप में विकास किया जाएगा।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Published: Thu, 29 Aug 2019 06:10 PM (IST)Updated: Thu, 29 Aug 2019 06:54 PM (IST)
पर्यटन स्थल के रूप में विकसित होगी अघोराचार्य की जन्मस्थली, बोले मुख्‍यमंत्री योगी आदित्यनाथ
पर्यटन स्थल के रूप में विकसित होगी अघोराचार्य की जन्मस्थली, बोले मुख्‍यमंत्री योगी आदित्यनाथ

चंदौली, जेएनएन : मुख्‍यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि अघोराचार्य बाबा कीनाराम की जन्मस्थली का पर्यटन स्थल के रूप में विकास किया जाएगा। पर्यटन मंत्री नीलकंठ तिवारी कीनाराम मठ के महंत सिद्धार्थ गौतम के साथ मिलकर जन्मस्थली के विकास की रूपरेखा तैयार करेंगे। सीएम गुरुवार को रामगढ़ स्थित कीनाराम मठ में आयोजित जन्मोत्सव कार्यक्रम में शामिल होने पहुंचे थे।
सीएम 3.40 पर कार्यक्रम स्‍थल पर पहुंचे। सबसे पहले उन्होंने कीनाराम की तपोस्थली पर दर्शन-पूजन किया। इसके बाद अघोराचार्य की गद्दी पर पहुंचकर स्तुति की। उन्होंने मठ के पीठाधीश्वर सिद्धार्थ गौतम से भेंट की। सीएम करीब 4.05 बजे मंच पर पहुंचे। उन्होंने 4.22 बजे संबोधन शुरू किया तो करीब 40 मिनट में राजनीति की बजाय सिर्फ संत परम्परा और अध्यात्म की ही चर्चा की। कहा कि संत परंपरा से देश मे राष्ट्रीयता की भावना पनपी। बोले बाबा कीनाराम ने सुसुप्ता अवस्था मे जा चुके अघोर पंथ को अपनी साधना से जीवित किया। उनके जन्मोत्सव में शामिल होना सौभाग्य की बात है। जन्मस्थली पर आने से अहसास हो रहा जैसे बाबा कल ही पैदा हुए हों। आज भी जन्मस्थली पर इनकी स्मृतियाँ जीवंत हैं। इसके लिए जन्मस्थली की देखरेख करने वाले अनुयायी बधाई के पात्र हैं। सीएम पीठाधीश्वर के रूप में भी दिखे।

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संत परंपरा से हर कोई अपने को जोड़ता है

उन्होंने संत परंपरा की खुलकर चर्चा की। संत परंपरा से हर कोई अपने को जोड़ता है। यही देश की विशेषता है और पूरी दुनिया मे पहचान है। संतो की कृपा हम सभी पर है। गिरनार पर्वत की तीन चोटियां देश की महानता का स्मरण कराती हैं। कहा आजादी की लड़ाई में विदेशी सोच से ओतप्रोत लोगों ने भारत को भाषा, संस्कृति और विचारधारा के आधार पर अलग-अलग देश के रूप में बांटने की वकालत की थी। लेकिन देश का जब भ्रमण किया तो देश की एकता और अखंडता का बोध हुआ। संतों की विचारधारा में राजनीति की बजाय समाज कल्याण और एकता की भावना नीहित है। बाबा कीनाराम का भले ही रामगढ़ में जन्म हुआ, लेकिन उनका प्रकटीकरण हर जगह दिखाई देता है। मठ और मंदिर सिर्फ साधना के केंद्र ही नहीं, बल्कि एकात्मता के केंद्र हैं। संतों द्वारा शुरू की गई योग की परंपरा को प्रधानमंत्री मोदी पूरी दुनिया में ले जा रहे। विश्व के 193 देश भारत की इस परंपरा की प्रशंसा कर रहे हैं।

चप्पे-चप्पे पर सुरक्षाकर्मी तैनात

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आगमन के दौरान चप्पे-चप्पे पर सुरक्षाकर्मी तैनात रहे। पांच एएसपी के साथ आठ सीओ कार्यक्रम स्थल पर सुरक्षा की कमान संभालते रहे। इसके अलावा निरीक्षक, उपनिरीक्षक, कांस्टेबल व तीन कंपनी पीएसी तैनात रही। कार्यक्रम स्थल के प्रवेश द्वार पर एलआइयू व खुफिया विभाग की टीम मेटल डिटेक्टर से जांच करते दिखे।

तीन दिन तक का जन्मोत्सव

अघोराचार्य बाबा कीनाराम का जन्मोत्सव कार्यक्रम आज से शुरू हुआ। तीन दिनों तक चलने वाले कार्यक्रम में भजन-कीर्तन, रामायण पाठ के साथ ही कीनाराम के जीवन और समसामयिक विषयों पर गोष्ठी का आयोजन किया जाएगा। कार्यक्रम स्थल पर रोजाना हजारों की संख्या में श्रद्धालु व बुद्धजीवी शामिल होंगे।


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