12 सप्ताह में प्रशिक्षण के बाद तकनीक से दक्ष होकर करेंगे काम, साइबर क्राइम पर लगेगा लगाम
देश में साइबर अपराध पर लगाम लगाने के लिए दूरसंचार विभाग और भारत संचार निगम लिमिटेड (बीएसएनएल) के साथ ही निजी संचार कंपनियों के इंजीनियरों को नेटवर्क सिक्योरिटी का विशेष प्रशिक्षण दिया जाएगा। यह प्रशिक्षण 12 सप्ताह का होगा।
वाराणसी [सौरभ चंद्र पांडेय]। साइबर अपराध पर लगाम लगाने के लिए दूरसंचार विभाग और भारत संचार निगम लिमिटेड (बीएसएनएल) के साथ ही निजी संचार कंपनियों के इंजीनियरों को नेटवर्क सिक्योरिटी का विशेष प्रशिक्षण दिया जाएगा। यह प्रशिक्षण 12 सप्ताह का होगा। यह प्रशिक्षण नेशनल टेलिकम्युनिकेशन इंस्टीट्यूट फार पालिसी रिसर्च व इनोवेशन एंड ट्रेंनिंग द्वारा दिया जाएगा।
इस प्रशिक्षण के दो चरण हैं। पहले चरण में सरकारी कंपनी और दूसरे चरण में निजी कंपनियों के इंजीनियरों को प्रशिक्षित किया जाएगा। इसका मुख्य उद्देश्य है कि साइबर अपराधी को अपराध से पहले या अपराध के तुरंत बाद पकड़ा जाए। प्रशिक्षण के दौरान इंजीनियरों को बताया जाएगा कि साइबर अपराधी इंटरनेट के माध्यम से कैसे ठगी करते हैं। एक दूसरे को गोपनीय सूचना कैसे भेजते हैं। किस तरह इंटरनेट कालिंग के माध्यम से साइबर अपराध करते हैं। खुफिया एजेंसी से मिली सूचना पर किस तरह निगरानी किया जाए। खुफिया एजेंसी या पुलिस कोई जानकारी मांगे तो इंजीनियर कैसे तुरंत सिस्टम की जांच कर जानकारी उपलब्ध कराएं इसके साथ ही संचार ऑपरेशन मैनेजमेंट, संदिग्ध इंटरनेट काल पर नजर रखना और सबसे पहले खुफिया एजेंसी और पुलिस अधिकारियों को सूचित करने का प्रशिक्षण दिया जाएगा।
फिलहाल यह प्रशिक्षण 17 मई से महानगरों में शुरू हो चुका है। जल्द ही अन्य बड़े शहरों में भी शुरू होगा। इस सम्बंध में बीएसएनएल के प्रधान महाप्रबंधक केपी सिंह के पीआरओ सब डिविजनल इंजीनियर (एसडीई) अभिषेक सिंह ने बताया कि इस तरह का प्रशिक्षण बराबर होता रहता है। नेटवर्क सुरक्षा का प्रशिक्षण प्रस्तावित है। इसकी कोई तिथि भी अभी निर्धारित नहीं है।हालांकि इस सम्बन्ध में अभी सर्किल आफिस से कोई सूचना नहीं मिली है।