Move to Jagran APP

वाराणसी में सर्प दंश के बाद आकस्मिक सेवा के लिए नदारद रहते हैं डाक्टर व फार्मासिस्ट, चौकीदार के भरोसे चिकित्सा

बात वही है कि सारा समंदर मेरे पास है और एक बूंद पानी मेरी प्यास है। मसलन यदि दवाएं वैक्सीन सभी मौजूद रहें भी तो क्या जब डाक्टर व पैरामेडिकल स्टाफ ही न रहे तो स्वास्थ्य सेवाएं कैसे मिलेंगी। गांव के स्वास्थ्य केंद्रों के हालात तो कुछ ऐसे ही हैं।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Published: Sat, 24 Jul 2021 06:20 AM (IST)Updated: Sat, 24 Jul 2021 06:20 AM (IST)
वाराणसी में सर्प दंश के बाद आकस्मिक सेवा के लिए नदारद रहते हैं डाक्टर व फार्मासिस्ट, चौकीदार के भरोसे चिकित्सा
वाराणसी के सेवापुरी में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में लटक रहा ताला

वाराणसी, जागरण संवाददाता। बात वही है कि सारा समंदर मेरे पास है और एक बूंद पानी मेरी प्यास है। मसलन, यदि दवाएं, वैक्सीन सभी मौजूद रहें भी तो क्या जब डाक्टर व पैरामेडिकल स्टाफ ही न रहे तो स्वास्थ्य सेवाएं कैसे मिलेंगी। जी हां, गांव के स्वास्थ्य केंद्रों के हालात तो कुछ ऐसे ही हैं। प्रदेश सरकार ने दवाएं व वैक्सीन सभी उपलब्ध करा दिया है लेकिन जब स्वास्थ्य सेवा देने वाले ही नदारद रहेंगे तो इसका फायदा क्या। यह बात यूं ही नहीं कही जा रही है। सर्प दंश जैसी आक्समिक सेवा के लिए दैनिक जागरण ने शुक्रवार को गांव के स्वास्थ्य केंद्रों का रात में हाल जानने के लिए पड़ताल की तो अधिकतर पर ताला बंद मिला।

loksabha election banner

सीएचसी आराजीलाइन जक्खिनी पर जागरण की टीम रात 10 बजे पहुंची तो एक चौकीदार सत्येंद्र कुमार तैनात मिला। पहले बताया कि डाक्टर, स्टाफ नर्स और फार्मासिस्ट सभी लोग ड्यूटी पर तैनात हैं लेकिन जब हकीकत जानने के लिए टीम के सदस्य अंदर गए तो न तो डाक्टर दिखे और न ही स्टाफ नर्स तथा फार्मासिस्ट। इसके बाद चौकीदार बगली देखने लगा। कहा कि खाने के लिए कमरे पर गए हैं। चौकीदार मामले को समझते ही फोन मिलाने लगा जिसके 10 मिनट बाद हांफते हुए लोवर और टी-शर्ट में डा. अजीत यादव पहुंच गए। एंटी वेनम इंजेक्शन के बारे में पूछने पर बताया पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है लेकिन पिछले दो महीने में सर्प दंश का कोई भी मामला नही आया है।

चिरईगांव पीएचसी पर शाम को ही ताला बंद

चिरईगांव पीएचसी पर ओपीडी सेवा समाप्त होने के बाद आकस्मिक उपचार की नियमित व्यवस्था नहीं है। दवा वितरण चिकित्सक कक्षा का दरवाजा भी बंद हो जाता है। दुर्घटना या सर्प दंश पर इलाज कराने पीएचसी पर आने वालों को चिकित्सक, वार्ड ब्वाय और फार्मासिस्ट को ढूंढना पड़ता है। चिकित्सा अधिकारी द्वितीय डा. संतोष कुमार पीएचसी परिसर में ही रहते हैं लेकिन उनको भी आवाज देकर बुलाना पड़ता है। शुक्रवार को शाम छह बजे ही दरवाजा बंद हो गया था। स्वास्थ्य केंद्र में एंटी वेनम इंजेक्शन पांच वायल उपलब्ध है। कमोवेश सीएससी नरपतपुर का भी यही हाल है।

नहीं मौजूद थे डाक्टर

काशी विद्यापीठ ब्लाक के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर देर शाम 7: 30 बजे पहुंचने पर कोई चिकित्सक मौजूद नहीं मिले। ओपीडी कक्ष व फार्मेसी कक्ष खुला था। सफाईकर्मी नन्हेंं सफाई करता पाया गया। लेबर रूम में एएनएम विजय लक्ष्मी व दाई आसिया मौजूद मिलीं। कर्मचारियों ने डाक्टर रात में रहते हैं कि नहीं, इस बारे में बताने से इनकार किया। स्वास्थ्य केंद्र में कुल 14 एंटी स्नेक वेनम उपलब्ध है।

मेन गेट पर ही लगा दिया ताला

कछवारोड क्षेत्र के डोमैला प्राथमिक स्वास्थ केंद्र के मेन गेट पर रात साढ़े आठ बजे ताला बंद था। बिजली कनेक्शन होते हुए भी परिसर में अंधेरा था। कोई भी डाक्टर व स्टाप मौजूद नहीं थे। ग्रामीणों ने बताया कि दो बजे दिन तक ही स्वास्थ कर्मी रहते हैं।

इन स्वास्थ्य केंद्रों पर मिली सेवाएं

सीएचसी पुआरी कला में सात बजे डा. राहुल आनंद सिंह, एएनएम निधि मौजूद मिलीं। एएसवी का 10 वायल उपलब्ध रहा। हरहुआ पीएचसी पर रात साढ़े आठ बजे चिकित्सक डा. राजकुमार, फार्मासिस्ट राधेश्याम व संतोष कुमार मौजूद मिले। प्रसव कक्ष में स्टाफ नर्स अंजना सिंह तैनात थीं। पीएचसी पिंडरा भी रात साढ़े आठ बजे खुला मिला। प्रभारी चिकित्साधिकारी डा. एचसी मौर्य ड्यूटी पर थे। फार्मासिस्ट व वार्ड ब्वाय भी मौजूद रहे। सीएचसी गजोखर में फार्मासिस्ट मौजूद थे।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.