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वाराणसी में छह महीने बाद संकटमोचन मंदिर में दर्शन पाकर निहाल हुए आस्‍थावान

संकटमोचन दरबार रविवार को छह माह बाद खुलने पर श्रद्धालुओं का जो तांता लगा वह दिन चढ़ने तक टूटने का नाम नहीं ले रहा था।

By Abhishek SharmaEdited By: Published: Sun, 20 Sep 2020 10:41 AM (IST)Updated: Sun, 20 Sep 2020 07:27 PM (IST)
वाराणसी में छह महीने बाद संकटमोचन मंदिर में दर्शन पाकर निहाल हुए आस्‍थावान
वाराणसी में छह महीने बाद संकटमोचन मंदिर में दर्शन पाकर निहाल हुए आस्‍थावान

वाराणसी, जेएनएन। संकटमोचन दरबार रविवार को छह माह बाद खुलने पर श्रद्धालुओं का जो तांता लगा वह दिन चढ़ने तक टूटने का नाम नहीं ले रहा था। काशी की धर्मप्राण जनता के हर- हर महादेव, जय बजरंग बली जैसे धार्मिक नारों के उद्घोष से काशी का प्रसिद्ध श्रीसंकटमोचन मंदिर का प्रांगण गुंजायमान हो गया।

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ऐसा हो भी क्यों नहीं, कोरोना संक्रमण के कारण छह महीने से बंद मंदिर रविवार को आम दर्शनार्थियों के लिए जो खोल दिया गया था। मंदिर खुलने की खबर मिलते ही निर्धारित समय सुबह छह बजते ही श्रद्धालुओं की भीड़ मुख्य द्वार पर लग गयी थी। रोज की भांति मंदिर में सुबह साढ़े चार बजे मंगला आरती की गई। मंदिर के महंत प्रो. विश्वम्भरनाथ मिश्र ने मंदिर में पहुंचकर कर दर्शन-पूजन के साथ ही व्यवस्था का निरीक्षण किया।

इसके बाद मंदिर आम श्रद्धालुओं के लिए खोल दिया गया। मंदिर में प्रवेश उसे ही दिया जा रहा था जो मास्क लगाए या गमछे से मुंह ढंके था। प्रवेश द्वार पर थर्मल स्कैनिंग की जा रही थी। मंदिर में घुसते ही सैनिटाइजर टनल में सभी को सैनेटाइज्ड किया जा रहा था। मंदिर परिसर में रस्सी बांधकर गमनागमन का मार्ग बनाया गया था। मुख्य द्वार से प्रवेश कर श्रद्धालु राम मंदिर के द्वार से होते हनुमान जी का दर्शन कर रहे थे।

राम मंदिर में प्रवेश की इजाजत नहीं दी गयी थी। आदत के मुताबिक लोग हनुमान जी का दर्शन करने के बाद प्रभु राम का दर्शन करते हैं। भक्तजन हनुमान दरबार से ही श्रीराम प्रभु का दर्शन कर ले रहे थे। एक अनुमान के मुताबिक प्रथम पाली प्रातःकाल 6 बजे से 10.30 बजे तक दो हजार तक लोग दर्शन कर चुके थे। गौरतलब है कि कोरोना संक्रमण के कारण श्रीसंकट मोचन मंदिर 21 मार्च शनिवार से आम दर्शनार्थियों के लिए बंद कर दिया गया था लेकिन इस दौरान मंदिर के पुजारी भोग- आरती आदि नैत्यिक धर्मिक कर्म जारी रखे रहे।


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