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वाराणसी में कारिडोर लोकार्पण के बाद मासपर्यंत निकलेगी श्रीकाशी विश्वनाथ धाम यात्रा, महादेव की नगरी में होगा विविध आयोजन

Kashi Vishwanath Corridor देवाधिदेव महादेव की नगरी काशी में सजा-संवरा और विस्तारित बाबा दरबार का जब 13 दिसंबर को लोकार्पण किया जाएगा तो धर्म-अध्यात्म का रंग और चटख हो जाएगा। तिथि विशेष से पूरे एक माह तक शहर बनारस पूरी तरह आध्यात्मिकता के रंगों में सराबोर नजर आएगा।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Published: Wed, 24 Nov 2021 06:10 AM (IST)Updated: Wed, 24 Nov 2021 05:57 PM (IST)
वाराणसी में कारिडोर लोकार्पण के बाद मासपर्यंत निकलेगी श्रीकाशी विश्वनाथ धाम यात्रा, महादेव की नगरी में होगा विविध आयोजन
Kashi Vishwanath Corridor13 दिसंबर को लोकार्पण किया जाएगा तो धर्म-अध्यात्म का रंग और चटख हो जाएगा।

वाराणसी, विनोद पांडेय। Kashi Vishwanath Corridor देवाधिदेव महादेव की नगरी काशी में सजा-संवरा और विस्तारित बाबा दरबार का जब 13 दिसंबर को लोकार्पण किया जाएगा तो धर्म-अध्यात्म का रंग और चटख हो जाएगा। तिथि विशेष से पूरे एक माह तक शहर बनारस पूरी तरह आध्यात्मिकता के रंगों में सराबोर नजर आएगा। लोकार्पण के दिन से ही बाबा को समर्पित मासपर्यंत धर्म यात्रा का श्रीगणेश होगा। वास्तव में भव्य काशी, दिव्य काशी, चलो काशी अभियान के तहत गांव-गलियों से नित्य श्रीकाशी विश्वनाथ धाम यात्रा निकाली जाएगी। इसका समापन मकर संक्रांति पर 14 जनवरी को किया जाएगा, इसमें समूची काशी में वाद्य यंत्रों की धुन पर सुरमयी भक्ति गंगा प्रवाहमान होगी।

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अपनी तरह की अनूठी इस धर्म यात्रा में दो-दो सौ के अलग-अलग समूह शामिल रहेंगे जो पूरी काशी के हर गली-मोहल्ले में भ्रमण करेंगे। जिले भर में बाबा श्रीकाशी विश्वनाथ का दर्शन और धाम भ्रमण से कोई वंचित न रह जाए, इसका भी ध्यान रखा गया है। हर दिन अलग-अलग ब्लाक से बसों में सवार ग्रामीण धाम तक आएंगे और दर्शन-पूजन के साथ ही कारिडोर का भ्रमण कर घरों को जाएंगे। उन्हें लाने और घर तक पहुंचाने के लिए बस व्यवस्था की जिम्मेदारी उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम को दी गई है। धर्म यात्रा में बालक-बालिकाएं कलश लेकर यात्रा निकालेंगी। बच्चों के बीच शिव के विभिन्न स्वरूपों की फैंसी ड्रेस प्रतियोगिता भी कराई जाएगी।

गौरवशाली इतिहास व वर्तमान पर फिल्म

श्रीकाशी विश्वनाथ धाम के गौरवशाली इतिहास व वर्तमान भव्य स्वरूप पर आधारित पुस्तक का प्रकाशन किया जाएगा। इसके लिए तथ्य जुटाने की जिम्मेदारी श्रीकाशी विद्वत परिषद और प्रकाशन का जिम्मा सूचना विभाग को दिया गया है। श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर के गौरवशाली इतिहास और वर्तमान भव्य स्वरूप पर आधारित फिल्म निर्माण भी किया जाएगा। इसकी जिम्मेदारी भी सूचना विभाग को ही दी गई है।


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