वाराणसी फल मंडी में दशहरी के बाद लंगड़ा होने लगा तगड़ा, जल्द ही चौसा आम की बाजार में दस्तक
वाराणसी की फल मंडी में आम का कारोबार इन दिनों चटख है। कारोबारी गतिविधियां इतनी सक्रिय हैं कि बाजार में खरीदारों की भी कमी नहीं है। वैरायटी के आमों का बाजार चोखा है तो चौसा भी आने को बेताब है।
वाराणसी, जागरण संवाददाता। पहड़िया मंडी में इन दिनों फल के नाम पर बस आम और उसकी तमाम वैरायटी ही नजर आ रही है। बाजार में आम की खास प्रजाति की डिमांड भी खूब हो रही है। हालांकि, चौसा और मालदा आम की कमी अभी पूर्वांचल की मंडी में बनी हुई है। कारोबारी मान रहे हैं कि अब दशहरी आम बाजार से पखवारे भर में विदाई की ओर हो जाएगा। वहीं दूसरी ओर 20 जुलाई के बाद लंगडा आम की जगह चौसा आम ले लेगा।
इस साल फलों के राजा आम की पैदावार भले कम हुई हो लेकिन आम खाने वाले कम नहीं हुए हैं। जिसकी बानगी पहड़िया फल मंडी में इन दिनों खूब देखने को मिल रही है। शनिवार को लंगड़ा आम लिए दर्जनों ट्रक पहुंचे तो दशहरी आम के एक दो ट्रक ही मंडी में नजर आए। इधर लंगडा आम लिए ट्रकों की खेप पहुंचते ही फुटकर विक्रेताओं की भीड़ उमड़ पड़ी। जल्द ही अन्य वैरायटी के आम बाजार में नजर आने लगेंगे।
इसकी वजह से कच्चा दशहरी आम 35 से 40 रुपए और कच्चा लंगड़ा आम 40 से 50 रुपए तक बिकने लगा है। हालांकि, कच्चे आम की अपेक्षा फुटकर पके आमों की कीमत दशहरी की 50 से 60 रुपए और लंगडा 70 से 80 रुपए तक की बिक्री बाजार में हुई। हालांकि, इस सबंध में पहड़िया मंडी के थोक आम विक्रेता और मंडी के अध्यक्ष किशन सोनकर ने बताया कि दशहरी आम का लास्ट सीजन इन दिनों चल रहा है।
लंगड़ा आम की आवक और मांग बाजार में काफी तेजी से बढ़ी है। वैसे भी बाजार में 20 जुलाई के बाद से चौसा और फजली आम ही फल मंडी को पूरी तरह से संभालेंगे। इस समय लंगड़ा आम की आवक बिजनौर, अमरोहा, मुरादाबाद, नगीना, मेरठ, सहारनपुर, रामपुर,बरेली, लखीमपुर खीरी, शीशागढ़ से प्रमुख रूप से हो रही है। इसके साथ ही बाहर के प्रदेशों से भी आम की आवक होने लगी है।