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ड्रेजिंग के बाद गंगा में बढ़ेगा जलपोतों का आवागमन, गाजीपुर से बनारस तक गहराई कम

गंगा में ड्रेजिंग (गहराई) नहीं होने से जहाजों का आवागमन नहीं हो पा रहा है। गाजीपुर से बनारस की ओर करीब 16 से 17 किलोमीटर तक गंगा में गहराई काफी कम है।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Published: Thu, 02 Jul 2020 09:05 PM (IST)Updated: Fri, 03 Jul 2020 09:49 AM (IST)
ड्रेजिंग के बाद गंगा में बढ़ेगा जलपोतों का आवागमन, गाजीपुर से बनारस तक गहराई कम
ड्रेजिंग के बाद गंगा में बढ़ेगा जलपोतों का आवागमन, गाजीपुर से बनारस तक गहराई कम

वाराणसी, जेएनएन। गंगा में ड्रेजिंग (गहराई) नहीं होने से जहाजों का आवागमन नहीं हो पा रहा है। पटना से गाजीपुर तक गहराई की कोई दिक्कत नहीं है लेकिन गाजीपुर से बनारस की ओर करीब 16 से 17 किलोमीटर तक गंगा में गहराई काफी कम है। भारतीय अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण के अधिकारी भी इसे कार्गो लेकर आने वाले जहाजों के लिए सबसे बड़ी समस्या मान रहे हैं। प्राधिकरण इसको लेकर तेजी से तैयारी कर रहा है। साथ ही ड्रेजिंग के लिए जल्द ही टेंडर करेगा। जहाज के लिए बनारस से गाजीपुर तक कम से कम 2.20 मीटर गहराई तथा गाजीपुर से पटना तक 2.50 मीटर गहराई होनी चाहिए। करीब 209 करोड़ रुपये की लागत से बने बंदरगाह का लोकार्पण नवंबर-2018 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया था।

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सौ एकड़ भूमि पर बनेगा फ्रेट विलेज

रामनगर क्षेत्र के राल्हूपुर में बने बंदरगाह के समीप फ्रेट विलेज का निर्माण किया जाना है। इसके लिए विभाग को 100 एकड़ जमीन अधिग्रहण किया जाना है। अभी तक विभाग को करीब 10 एकड़ जमीन मिल सकी है। 90 हेक्टेयर जमीन अधिग्रहण करने के लिए विभाग किसानों के साथ बैठक कर रहा है।  बंदरगाह के पास बनने वाले फ्रेट विलेज में प्रशासनिक भवन, वेयरहाउस, आवासीय परिसर, सड़क, सहित अन्य काम होने हैं।

रिवर इंफार्मेशन सिस्टम टॉवर का काम पूरा

बंदरगाह पर कार्गो लेकर आने वाले जहाजों को किसी भी तरह की समस्या न हो, इसके लिए बंदरगाह पर रिवर इनफार्मेशन सिस्टम (आरआरआइएस) टॉवर लगाने का काम पूरा हो गया है। इससे जहाजों के दिशा, गहराई सहित जलमार्ग से जुड़ी अन्य जानकारियां मिलने में आसानी होगी।

बंदरगाह से करहट जीवनाथपुर तक बनेगा डबल रेल मार्ग

व्यापारियों को रामनगर के राल्हूपुर स्थित बंदरगाह से माल की ढुलाई में सड़क मार्ग के अलावा रेलवे लाइन की भी सुविधा उपलब्ध होगी। इसके लिए विभाग द्वारा बंदरगाह से करहट जीवनाथपुर तक रेलवे लाइन बिछाने को लेकर सर्वे रिपोर्ट तैयार हो चुकी है। पांच किलोमीटर लंबी दूरी के लिए डबल रेल लाइन बिछाई जाएगी। इसके लिए 32.5 हेक्टेयर जमीन किसानों से अधिग्रहण की जाएगी।


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