Afghanistan Crisis : अफगानिस्तान में कई बार ऐसा लगा मैं घर नहीं लौट पाऊंगा, बलिया लौटा राजेश पांडेय
अफगानिस्तान के काबुल से लौटै बांसडीह कोतवाली क्षेत्र के ग्राम पंचायत जानपुर मुड़ियारी के छितरौली निवासी राजेश पांडेय के चेहरे पर अभी भी खौफ है। 23 अगस्त को वह सुरक्षित भारत पहुंचे। बताया कि कई बार ऐसा लगा कि मैं घर नहीं लौट पाऊंगा।
जागरण संवाददाता, बलिया। अफगानिस्तान के काबुल से लौटै बांसडीह कोतवाली क्षेत्र के ग्राम पंचायत जानपुर मुड़ियारी के छितरौली निवासी राजेश पांडेय के चेहरे पर अभी भी खौफ है। 23 अगस्त को वह सुरक्षित भारत पहुंचे। बताया कि कई बार ऐसा लगा कि मैं घर नहीं लौट पाऊंगा। सरकार के प्रयास से आज अपने परिवार के बीच हूं। कहा कि अब जीवन में वहां नहीं जाना हैं। चाहे जितना भी माहौल अच्छा हो जाय या पैसा मिले। वह काबुल एयरपोर्ट से महज आठ किमी की दूरी पर नीली कंपनी में काम करने भारत से 22 फरवरी 2021 को गए थे। वहां सरिया बनाने के डाई टर्नर के पद पर कार्य कर रहे थे।
के कब्जे के बाद अराजकता की स्थिति चोरों तरफ हो गई। एयरपोर्ट पर जाने के लिए आठ किलाेमीटर की दूरी तय करने में दस घंटे का समय लगा। हम सभी एयरपोर्ट के नार्थ गेट नंबर छह से सौ मीटर की दूरी पर ही थे कि 21 फरवरी को तालिबानियों ने सभी 150 भारतीयों को अगवा कर लिया। एक सुनसान स्थान पर सभी को लेकर चले गये। एक जगह बैठाकर सबका पासपोर्ट आदि चेक किये। इन सभी ने खाना खाने के बारे में भी पूछा लेकिन डर के मारे किसी ने खाने की हिम्मत नहीं की। करीब पांच घंटे बाद काबुल एयरपोर्ट पर उन सभी ने छोड़ दिया। जब हम लोग एयरपोर्ट पहुंचे तो जान में जान आई। बताया कि काबुल एयरपोर्ट व आसपास के इलाकों में चारों तरफ बमबारी व गोलियों की आवाज से माहौल डरावना हो रहा था। ईश्वर की कृपा व सरकार के प्रयास से वतन में परिवार के बीच सही सलामत पहुंचा हूं। जीवन में इतना डर कभी नहीं लगा। बताया कि वे किसी राक्षस से कम नहीं थे। इनकी माता माया पांडेय, पत्नी ममता पांडेय, बेटा अनुराग पांडेय व नीलेश पांडेय की खुशी का ठिकाना नहीं हैं। मां व पत्नी ने कहा कि हमारे लिए भगवान रूप में प्रधानमंत्री हैं। उनकी बदौलत हमारी घर की धड़कन सही सलामत वापस हम लोगोें के बीच हैं।