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    अधिवक्ता राजा आनन्द ज्योति सिंह की संदिग्ध मौत पर बोले अजय राय - "मामले की न्यायिक जांच हो"

    By Abhishek sharmaEdited By: Abhishek sharma
    Updated: Tue, 09 Dec 2025 02:01 PM (IST)

    वाराणसी में अधिवक्ता राजा आनंद ज्योति सिंह की संदिग्ध मौत को परिवार ने कफ सिरप माफिया द्वारा हत्या बताया है। कांग्रेस अध्यक्ष अजय राय ने पीड़ित परिवार ...और पढ़ें

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    कांग्रेस ने न्याय मिलने तक संघर्ष जारी रखने का आश्वासन दिया है।

    जागरण संवाददाता, वाराणसी। पिछले वर्ष संदिग्ध परिस्थितियों में अधिवक्ता राजा आनन्द ज्योति सिंह की मृत्यु को उनके परिवार ने किसी दुर्घटना नहीं, बल्कि कफ सीरप माफिया द्वारा की गई सुनियोजित हत्या बताया है। शुक्रवार को प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय राय बर्थरा गांव (चोलापुर, वाराणसी) पहुंचे, जहां उन्होंने पीड़ित परिवार से मुलाक़ात कर उनकी पीड़ा सुनी।

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    परिवार के सदस्यों ने प्रदेश अध्यक्ष को बताया कि वाराणसी पुलिस ने पूरे मामले में लीपापोती कर सच को दबाने का प्रयास किया है। उनका आरोप है कि पुलिस ने जानबूझकर केस की दिशा मोड़ी और असली दोषियों को बचाने का काम किया।

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    परिवार के इन आरोपों ने न्याय व्यवस्था और स्थानीय पुलिस की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। प्रदेश अध्यक्ष अजय राय ने कहा कि इस केस की जांच यूपी पुलिस नहीं, बल्कि न्यायिक जांच के माध्यम से कराई जाए, ताकि असली आरोपी सामने आ सकें और कफ सीरप माफिया पर कड़ी कार्रवाई हो सके। मृतक अधिवक्ता राजा ज्योति सिंह अपने पूरे परिवार के पोषक थे। उनके निधन के बाद उनकी पत्नी और तीन छोटे बच्चे पूरी तरह असहाय और अनाथ स्थिति में हैं।

    अजय राय ने सवाल उठाया कि क्या योगी सरकार का बुलडोज़र इस महिला की पीड़ा नहीं देख पा रहा है? क्या इस सरकार में न्याय मांगना भी अपराध हो गया है? उन्होंने स्पष्ट किया कि कांग्रेस पीड़ित परिवार के साथ खड़ी है और न्याय मिलने तक संघर्ष जारी रहेगा।

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    इस अवसर पर प्रदेश अध्यक्ष अजय राय के साथ महानगर अध्यक्ष राघवेन्द्र चौबे, अशोक सिंह, रोहित दुबे, परवेज खां, विनीत चौबे, सैय्यद आदिल, वीरेन्द्र प्रताप सिंह, डॉ अमरनाथ मिश्रा, योगेन्द्र सिंह, यूनुस, राजेन्द्र चौबे, गिरीश त्रिपाठी समेत कई अन्य लोग उपस्थित रहे।

    राजा आनन्द ज्योति सिंह की हत्या के मामले में परिवार के आरोपों ने न केवल स्थानीय पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए हैं, बल्कि यह भी दर्शाया है कि कैसे कुछ शक्तिशाली माफिया तत्वों के खिलाफ कार्रवाई करने में प्रशासन पर उंंगल‍ि‍यां उठ रही हैं। परिवार ने न्याय की गुहार लगाते हुए कहा कि उन्हें न्याय दिलाने के लिए हर संभव प्रयास किया जाएगा।

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    कांग्रेस पार्टी ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए न्यायिक जांच की मांग की है, ताकि असली दोषियों को सजा मिल सके। यह मामला न केवल एक अधिवक्ता की हत्या का है, बल्कि यह समाज में व्याप्त कफ सिरप माफिया के खिलाफ भी एक बड़ा सवाल खड़ा करता है।

    यह घटना न केवल वाराणसी बल्कि पूरे प्रदेश में कानून व्यवस्था की स्थिति पर भी प्रकाश डालती है। अधिवक्ता राजा आनन्द ज्योति सिंह की हत्या का मामला एक गंभीर मुद्दा बन गया है, जो न्याय व्यवस्था की कार्यप्रणाली और माफिया तत्वों के खिलाफ कार्रवाई की आवश्यकता को उजागर करता है।