Varanasi Gyanvapi प्रकरण में अखिलेश यादव, असदुद्दीन और अकबरुद्दीन ओवैसी के खिलाफ वकील हरिशंकर पांडेय ने दी अर्जी
gyanvapi masjid case ज्ञानवापी प्रकरण में वकील हरिशंकर पांडेय ने अपर मुख्य न्याययिक मजिस्ट्रेट (पंचम) की अदालत में सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव व एआइएमआइएम के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी उनके भाई अकबरुद्दीन ओवैसी समेत सात नामजद और अन्य के खिलाफ अर्जी दाखिल की है।
जागरण संवाददाता, वाराणसी : ज्ञानवापी प्रकरण में वकील हरिशंकर पांडेय ने अपर मुख्य न्याययिक मजिस्ट्रेट (पंचम) की अदालत में सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव व एआइएमआइएम के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी, उनके भाई अकबरुद्दीन ओवैसी समेत सात नामजद और अन्य के खिलाफ अर्जी दाखिल की है। इसमें कहा है कि इन लोगों की ओर से हिंदू जनभावना के खिलाफ लगातार अपमानजनक बयान दिये जा रहे हैं। इससे काशी के श्रद्धालु और समस्त भारत के लोग मर्माहत हैं। उन्होंने 18 मई को अपर पुलिस आयुक्त से भी शिकायत की थी लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। अर्जी में जिन सात लोगों का जिक्र है उनमें दारानगर के मौलाना अब्दुल वागी, मुफ्ती ए बनारस मौलाना अब्दुल बातिन नोमानी, सैयद मोहम्मद यासिन, लल्लापुरा के युसूफ खान हैं। इसके अलावा अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद के सभी पदाधिकारीगण हैं।
वादी पक्ष ने मांगी कमीशन रिपोर्ट की नकल
अदालत में वादी पक्ष की ओर से कहा गया कि कमीशन की कार्यवाही के समय लिए गए फोटो व वीडियो न्यायालय में सील पैक हैं। कमीशन रिपोर्ट के साथ ही वीडियो व फोटो का अवलोकन किए बगैर आपत्ति करना और न करना दोनों ही न्याय संगत नहीं होगा। इसलिए वादीगण को कमीशन रिपोर्ट के साथ दाखिल वीडियो और फोटो की नकल देने का आदेश दिया जाए।
मांगा विश्वेश्वरनाथ की पूजा का अधिकार
काशी विश्वनाथ मंदिर के महंत डा. कुलपति तिवारी ने भी जिला जज की अदालत में प्रार्थना पत्र दाखिल किया। उनका कहना है कि मस्जिद के तहखाने में बाबा विश्वेश्वरनाथ का शिवलिंग है। इनके पूजा-अर्चना अराधना व स्नान, मंत्रोच्चारण, साफ-सफाई व भोग आदि का अधिकार उन्हें दिया जाना चाहिए। साथ ही उन्होंने मुकदमे में पक्षकार बनाने की मांग की है।
ज्ञानवापी शृंगार गौरी प्रकरण की जिला जज डा. अजय कृष्ण विश्वेश की अदालत में पहली सुनवाई सोमवार को हुई। मुकदमे की किस अपील पर पहले सुनवाई हो इसके लिए वादी यानी मंदिर व प्रतिवादी यानी मस्जिद पक्ष की ओर से जोरदार दलीलें दी गईं। किस अपील पर पहले सुनवाई होगी, इसके निर्धारण के लिए जिला जज ने 24 मई यानी मंगलवार की तिथि तय की है। मंदिर पक्ष ने एडवोकेट कमिश्नर की कार्यवाही की रिपोर्ट की नकल की मांग की।