बीटेक से कठिन नर्सरी में दाखिला, अधिकारियों से लगायत माननीयों तक की पैरवी
नर्सरी की तुलना में बीटेक (इंजीनियरिंग) में दाखिला आसान है। अंग्रेजी माध्यम से संचालित विद्यालयों का नया शैक्षणिक सत्र पहली अप्रैल से शुरू होने वाला है। कई विद्यालयों में दाखिला की प्रक्रिया भी पूरी कर ली गई है।
वाराणसी, जेएनएन। नर्सरी की तुलना में बीटेक (इंजीनियरिंग) में दाखिला आसान है। अंग्रेजी माध्यम से संचालित विद्यालयों का नया शैक्षणिक सत्र पहली अप्रैल से शुरू होने वाला है। कई विद्यालयों में दाखिला की प्रक्रिया भी पूरी कर ली गई है। इसके बावजूद दाखिले की दौड़ अब भी जारी है। खास तौर पर मिशनरी विद्यालयों में बच्चों का दाखिला कराने के लिए अब भी अभिभावक दौड़ रहे हैं। यही नहीं बच्चों का दाखिला कराने के लिए तमाम अभिभावक अधिकारियों से लगायत माननीयों का दरवाजा खटखटा रहे हैं। इसके बावजूद उनके बच्चे का नर्सरी, एलकेजी में दाखिला नहीं हो पा रहा है।
मिशनरी स्कूलों के नोटिस बोर्ड में नर्सरी व एलकेजी में सीटें फुल होने की सूचना चस्पा कर दिया गया है। इसके बावजूद तमाम अभिभावक विभिन्न कक्षाओं में बच्चों का दाखिला कराने के लिए स्कूलों का चक्कर काट रहे हैं। हालत यह है कि इस समय प्रधानाचार्य अभिभावकों से मिलने पर कतरा रहे हैं। स्कूलों के काउंटरों पर सीट फुल होने की बात कहकर अभिभावकों को वापस कर दिया जा रहा है। वहीं कक्षा एक से ऊपर की कक्षाओं में सीट की उपलब्धता होने पर अभिभावकों को बाद में आवेदन देने का आश्वासन दिया जा रहा है। हालांकि ज्यादातर अभिभावकों को सीटें फुल होने की बात कहकर टरका दिया जा रहा है। इसे देखते हुए तमाम अभिभावक अपने बच्चों का दाखिला अन्य नामी-गिरामी स्कूलों में कराने के लिए जुगाड़ लगे हुए हैं। जनपद के कई कान्वेंट स्कूलों में नए सत्र का दाखिला अब भी जारी है। कान्वेंट स्कूलों में भी बच्चों का टेस्ट लेकर दाखिला लिया जा रहा है। ऐसे में कान्वेंट स्कूलों में भी दाखिले की राह आसान नहीं है। कई कान्वेंट स्कूलों में भी दाखिले की पैरवी की जा रही है।