कबीरचौरा में खुलेगा संगीत कला महाविद्यालय, संस्कृति निदेशालय की पहल पर प्रशासन ने भेजा शासन को प्रस्ताव
बनारस घराने के संगीत और गुरु शिष्य परंपरा को सहेजने के लिए संस्कृति विभाग बनारस में संगीत कला महाविद्यालय खोलने जा रहा है।
वाराणसी [प्रमोद यादव]। बनारस घराने के संगीत और गुरु शिष्य परंपरा को सहेजने के लिए संस्कृति विभाग बनारस में संगीत कला महाविद्यालय खोलने जा रहा है। इसे देश-दुनिया में संगीत की तीर्थ स्थली के रूप में ख्यात कबीरचौरा में स्थापित किया जाएगा। कबीर रोड स्थित प्राथमिक स्कूल दफ्तर परिसर का इसके लिए चिह्नांकन किया जा चुका है। संस्कृति निदेशालय की पहल पर प्रस्ताव भेजने के साथ ही भवन के लिए प्राथमिक विद्यालय परिसर सुझाया गया है। परिसर को बेसिक शिक्षा विभाग से संस्कृति विभाग के नाम हस्तांतरित करने का आग्रह भी किया गया है।
नींव में ठुमरी साम्राज्ञी व राजन-साजन मिश्र का कलाधाम
दरअसल, ठुमरी साम्राज्ञी पद्मविभूषण गिरिजा देवी और पद्मभूषण पं. राजन- साजन मिश्र ने तीन साल पहले काशी में कला धाम का खाका खींचा था। इसे अमेरिका के हाल आफ फेम की तर्ज पर आकार दिया जाना था। इसमें नई पीढ़ी को गुरु शिष्य परंपरा के तहत संगीत शिक्षा, गुरु आश्रम, संगीत विभूतियों की कला साधना की झलक सजाने के साथ संगीत आयोजन के लिए अत्याधुनिक प्रेक्षागृह, स्टूडियो बनाने का खाका खींचा गया था। इसे प्रसाद योजना में शामिल करते हुए पर्यटन विभाग ने शासन को 42 करोड़ रुपये का प्रस्ताव भी भेजा था लेकिन विभागीय पेंच के कारण बात जहां की तहां रही। हालांकि तत्कालीन नगर आयुक्त ने विद्यालय परिसर का भू उपयोग बदलने के लिए शासन को पत्र भी लिखा था। अफसरों के अनुसार पर्यटन विभाग के पास इस तरह के निर्माण का प्रावधान न होने से जिम्मेदारी संस्कृति विभाग को दी गई। संस्कृति विभाग में संगीत कला महाविद्यालय का प्रावधान है।
शीर्ष कलाकारों की भावना का रखा जाएगा ख्याल
कला धाम का नाम भले बदल जाए लेकिन शीर्ष कलाकारों की भावना और परिकल्पना संगीत कला महाविद्यालय रूप में भी नजर आएगी। संस्कृति निदेशालय को भेजे प्रस्ताव में मंडलायुक्त ने जून 2017 में महानिदेशक पर्यटन को भेजे गए कला धाम के प्रस्ताव का जिक्र किया है। उसमें 43.37 करोड़ रुपये से गुरु शिष्य परंपरा पर आधारित संगीत विद्यालय, बनारस घराने व इसके महान कलाकारों से संबंधित जानकारी, बनारस घराने के संगीत का प्रशिक्षण, संग्रहालय व केंद्र बनाया जाना था। मंडलायुक्त ने संगीत कला महाविद्यालय के लिए कलाधाम के प्रस्ताव व आगणन को ही आधार के लिए भेजा है। इस आधार पर ही संस्कृति विभाग को धनराशि जारी करने की मांग रखी है।
इस बारे में धर्मार्थ कार्य, पर्यटन एवं संस्कृति राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), डा. नीलकंठ तिवारी ने कहा कि बनारस संगीत को सहेजने के लिहाज से संगीत कला महाविद्यालय का खाका खींचा गया है। यह साहित्य व कला तीर्थ होगा। जमीन स्थानांतरित होते ही कार्य भी शुरू कर दिया जाएगा। इस तरह के परिसरों को पूरे प्रदेश में आकार देने की योजना है।