वाराणसी मंडल के जिलों में बनेंगे गोवंश आधारित आदर्श ग्राम, गो-पालकों काे दिया जाएगा प्रशिक्षण
गौ सेवा आयोग के अध्यक्ष प्रो श्याम नंदन सिंह ने उत्तर प्रदेश में स्थाई एवं अस्थाई गो आश्रय स्थलों के संबंध में बुधवार को सर्किट हाउस सभागार में अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की।
वाराणसी, जेएनएन। उत्तर प्रदेश गौ सेवा आयोग के अध्यक्ष प्रो श्याम नंदन सिंह ने उत्तर प्रदेश में स्थाई एवं अस्थाई गो आश्रय स्थलों के संबंध में बुधवार को सर्किट हाउस सभागार में अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की। उन्होंने सभी विभागों के बीच समन्वय पर जोर दिया। वाराणसी मंडल के चारों जिलों वाराणसी, जौनपुर, गाजीपुर और चंदौली में कुल 10129 गोवंश 110 गो-आश्रय स्थलों में रखे गए हैं। उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री गोवंश सहभागिता योजना के अंतर्गत 368 पशुपालक परिवारों को 1114गोवंश प्रदान किए गए हैं। मंडल में कुल प्रस्तावित 8 बृहद गौ संरक्षण केंद्रों में से तीन पूर्णतया क्रियाशील हो चुके हैं।
कमिश्नर दीपक अग्रवाल ने बताया कि शेष 5 केंद्र जनवरी तक पूर्ण हो जाएंगे। आयोग की सभी जिलों के पशु चिकित्सा अधिकारियों के साथ हुई वार्ता में तथ्य प्रकाश में आया कि मंडल के सभी गौ आश्रय स्थलों में ठंड से बचाव के व्यापक इंतजाम किए गए हैं, जिसकी वजह से शीत से अभी तक किसी गोवंश की मृत्यु नहीं हुई है। बैठक में वाराणसी के जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा ने बताया कि गो आश्रय स्थलों की व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए जन सहभागिता से सात लाख से अधिक दान प्राप्त हुआ है। गो सेवा आयोग के अध्यक्ष प्रो: श्याम नंदन सिंह ने मंडल के सभी विभागों से आपसी समन्वय के साथ काम करने की अपील की। उनकी अपील पर वाराणसी के मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर बीबी सिंह ने मधुमक्खियां गांव को गोवंश आधारित आदर्श गांव बनाने की बात कही। जौनपुर के मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ वीरेंद्र सिंह ने निजामुद्दीनपुर गांव, तो गाजीपुर के मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ रविंद्र प्रसाद ने करीमुद्दीनपुर का चयन किया। जबकि चंदौली के मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ एसपी पांडेय ने भी जनपद के एक गांवों को गोवंश आधारित ग्राम बनाने का भरोसा दिया। गो-पालको/किसानों और स्वयं सहायता समूहो को पंचगव्य उत्पादों, जैविक खाद, जैविक कृषि, गोबर और गोमूत्र के अधिकाधिक उपयोगिता के साथ गोवंश के पालन को लाभकारी बनाने का प्रशिक्षण दिया जाएगा। आयोग नए साल में जनवरी माह में वाराणसी मंडल के प्रत्येक जिले से 30-30 गो-प्रेमियों/गो-पालको को यह प्रशिक्षण दिलवाएगा।