चार प्रबंधकों के खिलाफ गाज गिरनी तय, चार अगस्त तक बीएसए से मांगी रिपोर्ट
अशासकीय सहायता प्राप्त जूनियर हाईस्कूलों में हुई अनियमित नियुक्तियों को लेकर भी शासन सख्त है। वाराणसी में चार विद्यालयों के प्रबंधकों पर गाज गिरनी तय मानी जा रही है।
वाराणसी, जेएनएन। अशासकीय सहायता प्राप्त जूनियर हाईस्कूलों में हुई अनियमित नियुक्तियों को लेकर भी शासन सख्त है। शासन ने बीएसए से इस मामले में दोषी संबंधित विद्यालयों के प्रबंधकों के खिलाफ भी कार्रवाई करने का निर्देश दिया है। ऐसे में जनपद में चार विद्यालयों के प्रबंधकों पर गाज गिरनी तय मानी जा रही है।
बेसिक शिक्षा विभाग से संबद्ध 13 जूनियर हाईस्कूलों में सत्र 2015-16 में करीब 60 अध्यापकों व कर्मचारियों की नियुक्तियां हुई थी। कुछ अभ्यर्थियों ने उस समय नियुक्तियों में अनियमितता की शिकायत शासन से भी की थी। शासन के निर्देश पर इस प्रकरण की जांच तत्कालीन संयुक्त शिक्षा निदेशक, प्रयागराज ने किया था। संयुक्त शिक्षा निदेशक की जांच रिपोर्ट के आधार पर आठ शिक्षकों की नियुक्ति रद कर दी गई थी। वहीं जांच से असंतुष्ट कुछ अभ्यर्थियों ने इसकी शिकायत लोकायुक्त से भी की थी। इस मामले में लोकायुक्त की जांच अब भी चल रही है। वहीं बेसिक शिक्षा निदेशक डा. सुत्ता सिंह ने इस प्रकरण को गंभीरता से लिया है। उन्होंने बीएसए से अनियमित तरीके से एडेड जूनियर हाईस्कूलों में हुई प्रधानाध्यापकों, सहायक अध्यापकों व लिपिकों की नियुक्ति के संबंध में अब तक हुई कार्रवाई का ब्यौरा तलब किया है। वहीं संबंधित प्रबंधकों के खिलाफ हुई कार्रवाई के संबंध में चार अगस्त तक जानकारी मांगी है।
दूसरी ओर बीएसए राकेश सिंह का कहना है कि शिक्षा निदेशक के निर्देश पर पत्रावलियों का अवलोकन किया जा रहा है। जल्द ही संबंधित विद्यालय प्रबंधन के खिलाफ कार्रवाई कर शिक्षा निदेशक को सूचना भेजी जाएगी।
इन विद्यालयों के प्रबंधकों के खिलाफ कार्रवाई होना तय
-पुष्प रंजन बालिका शिक्षा निकेतन (पांडेयपुर)
-जगनारायन तिवारी विद्यालय , (साधोगंज)
-खजुरी चौधरी चरण सिंह कृषक विद्यालय (खजुरी-मिर्जामुराद)
-ग्राम सेवा मंडल जूनियर हाईस्कूल (नई बस्ती)
नए सत्र में पांच अगस्त से होगी आनलाइन पढ़ाई
कोविड-19 के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए विश्वविद्यालयों व महाविद्यालयों में फिलहाल आनलाइन क्लास ही चलाए जाएंगे। वहीं, शासन से विषयवार ई-कंटेंट बनाने की जिम्मेदारी सूबे के अलग-अलग विश्वविद्यालय को सौंपी गई है। इस क्रम में महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ को भी ई-कंटेंट बनाने का नोडल केंद्र बनाया गया है। शासन ने विद्यापीठ को छह कोर्सों का ई-कंटेंट बनाने की जिम्मेदारी दी है।