उपलब्धि : अंतरराट्रीय रंग समारोह में बनारस के नाटक 'बरनम वन' की दस्तक, चयनित हुआ रंग समूह रूपवाणी का नाटक
एशिया के सबसे बड़े व दुनिया के तीसरे नंबर की थिएटर फिल्म फेस्टिवल एवं भारत रंग महोत्सव में बनारस ने जोरदार दस्तक दी है।
वाराणसी, जेएनएन। एशिया के सबसे बड़े व दुनिया के तीसरे नंबर की थिएटर फिल्म फेस्टिवल एवं भारत रंग महोत्सव में बनारस ने जोरदार दस्तक दी है। यहां के जानेमाने रंगसमूह रूपवाणी के नाटक बरनम वन को भारत रंग महोत्सव 2020 के लिए चुन लिया गया है। इस महोत्सव का आयोजन हर साल जनवरी-फरवरी में दिल्ली के साथ ही भारत के पांच महानगरों में किया जाता है। इसमें शामिल होने के लिए देश-विदेश की आला रंग-संस्थाओं में होड़ मची रहती है।
कला-संस्कृति और रंगमंच के दिग्गजों से सजी दो चरणों की चयन समिति की कठोर स्क्रीनिंग से गुजरकर देश-भर के लगभग एक हज़ार नाटकों में से छप्पन सर्वोत्तम नाटकों को इस भव्य समारोह के लिए चुना गया है। शेष दस नाटक अमेरिका, रूस, हंगरी, इटली और रोमानिया आदि देशों से चुने गए हैं। इसके पहले, 2016 में भी रूपवाणी के एक अन्य नाटक राम की शक्तिपूजा का चयन इस समारोह के लिए हुआ था। शक्तिपूजा इस समारोह में शामिल होने वाला शहर का पहला नाटक था। आगे चलकर इसके पचास से भी ज्यादा प्रदर्शन देश के प्रमुख समारोहों, अवसरों और कला केंद्रों में हुए और अब तक होते आ रहे हैं। रूपवाणी की एक और प्रस्तुति भास के संस्कृत नाटक पंचरात्रम का मंचन थिएटर ओलंपिक्स में हुआ था। भारत के प्रधानमंत्री और फ्रांस के राष्ट्रपति की बनारस यात्रा के अवसर पर रूपवाणी के कलाकारों ने रामलीला शैली में चित्रकूट का मंचन करके राष्ट्राध्यक्षों का दिल जीत लिया था।
बरनम वन महान अंग्रेज नाटककार शेक्सपीयर की कृति मैकबेथ का रघुवीर सहाय द्वारा किया गया हिंदी अनुवाद है. यह नाटक एक ऐसे वीर योद्धा की ट्रैजिक दास्तान है, जो लालच और महत्वाकांक्षा के फेर में पड़कर हिंसा और आत्मविनाश के अंधे रास्ते पर बहुत दूर तक चला जाता है। हिम्मत, हौसले, लालच, षडयंत्र, धोखे और हत्या से बुनी इस कहानी को बनारस के क्लासिक अंदाज और ख़ूबसूरत शिल्प में लोगों तक पहुंचाने के लिए रूपवाणी के पंद्रह अभिनेता-अभिनेत्रियां रोजाना पांच घंटे पूर्वाभ्यास कर रहे हैं। अब तक इसके चार प्रदर्शन हो चुके हैं। दो बनारस, एक दिल्ली और एक जयपुर में। नाटक का निर्देशन व्योमेश शुक्ल ने किया है। व्योमेश को पहले ही रंगनिर्देशन के लिए केंद्रीय संगीत नाटक अकादमी का उस्ताद बिस्मिल्लाह खां युवा पुरस्कार मिल चुका है।
प्रमुख पात्र व कलाकार
डंकन-अश्विनी, मैकबेथ-तापस, लेडी मैकबेथ-स्वाति, बैंको-विशाल, डाइनें-जय और शाश्वत, मैकडफ-नंदिनी, सैनिक-साखी, मैकडफ पत्नी : वंशिका, मैलकम-आकाश केशरी, गुप्तचर-काजोल, सहयोगी-दीपक, वस्त्र सहयोगी-जेपी शर्मा।