आज खुलेगा लिफाफा, छेड़खानी के आरोपित प्रोफेसर को किया जा सकता है बर्खास्त
वाराणसी स्थित सर सुंदर लाल अस्पताल बीएचयू में स्थाई चिकित्सा अधीक्षक की जद्दोजहद अब खत्म होने वाली है। एक मार्च को दिल्ली में आयोजित बीएचयू कार्यकारिणी परिषद की बैठक में इस पर फैसला लिया जाएगा।
वाराणसी, जेएनएन। सर सुंदर लाल अस्पताल, बीएचयू में स्थाई चिकित्सा अधीक्षक की जद्दोजहद अब खत्म होने वाली है। एक मार्च को दिल्ली में आयोजित बीएचयू कार्यकारिणी परिषद की बैठक में इस पर फैसला लिया जाएगा। सूत्रों के अनुसार इस पद के लिए प्रतिनियुक्ति के आधार पर सेना के डॉक्टर को तरजीह दी जा सकती है। वैसे इस दौड़ में पूर्व एमएस प्रो. वीएन मिश्र, डा. ओपी उपाध्याय, डिप्टी एमएस डा. जीएन श्रीवास्तव, प्रो. एसके सिंह सहित कई दावेदार शामिल हैं।
इसके अलावा बैठक में एम्स जैसा दर्जा मिलने के बाद बीएचयू हॉस्पिटल की चिकित्सीय सेवाओं की बेहतर करने की दिशा में भी निर्णय लिए जाएंगे। हालांकि घोषणा के बाद से अब तक सिर्फ योजनाएं बनी हैं क्रियान्वयन की दिशा में केंद्र से धन अब तक विवि को प्राप्त नहीं हो सकता है।
बर्खास्त होंगे छेड़खानी के आरोपित प्रोफेसर
छात्राओं संग शैक्षणिक टूर पर छेड़छाड़ व भद्दे कमेंट के मामले में आइसीसी की जांच में दोषी पाए गए जंतु विज्ञान विभाग, बीएचयू के प्रो. एसके चौबे को बर्खास्त किया जा सकता है। कुछ दिन पहले कुलपति प्रो. राकेश भटनागन ने इस मामले में संकेत भी दिया था।
पूरी कक्षा ने लगाया था आरोप
बीएचयू में प्रोफेसर द्वारा छात्राओं-सहकर्मियों संग अश्लील हरकत की शिकायतें पहले भी आ चुकी हैं, जिनमें कठोर दंड भी दिए गए हैं। चिकित्सा विज्ञान संस्थान के बाल-रोग विशेषज्ञ प्रो. बीडी भाटिया को एक महिला रेजिडेंट से अश्लील हरकत करने के मामले में सेवानिवृत्ति दे दी गयी थी। मगर यह पहला मामला है कि जब पूरी की पूरी कक्षा ने किसी प्रोफेसर पर अश्लील हरकत करने का आरोप लगाया हो। साथ ही इस बात की लिखित शिकायत की हो कि के पढ़ाते समय भी भद्दे कमेंट्स करते हैं।