बैंकों में एक दिन की हड़ताल से सिर्फ वाराणसी में ही लगभग 400 करोड़ का लेन-देन प्रभावित
वेतन में वृद्धि पांच दिन बैंकिंग मूल वेतन के साथ विशेष भत्ते का भुगतान नई पेंशन योजना बंद करने सहित 12 सूत्रीय मांगों के लिए कर्मचारियों ने शुक्रवार को हड़ताल किया।
वाराणसी, जेएनएन। वेतन में 20 फीसद वृद्धि, पांच दिन बैंकिंग, मूल वेतन के साथ विशेष भत्ते का भुगतान, नई पेंशन योजना बंद करने सहित 12 सूत्रीय मांगों के लिए बैंक अधिकारियों एवं कर्मचारियों ने शुक्रवार को हड़ताल किया। जिले के सभी बैंक बंद रहे और करीब 400 करोड़ का लेन-देन प्रभावित हुआ। यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियन द्वारा प्रस्तावित दो दिवसीय हड़ताल के पहले दिन वाराणसी इकाई द्वारा बैंक ऑफ इंडिया के आचलिक कार्यालय महमूरगंज, यूपी बैंक इंप्लाइज यूनियन की ओर से इलाहाबाद बैंक, नदेसर सहित अन्य शाखाओं पर प्रदर्शन किया गया।
महमूरगंज में बैंक ऑफ इंडिया अधिकारी संगठन उत्तर प्रदेश एवं उत्तराखंड के अध्यक्ष व एआइबीओसी के संगठन मंत्री अभिषेक श्रीवास्तव ने आइबीए द्वारा प्रस्तावित 13 फीसद की वेतन वृद्धि का विरोध किया। मांग किया कि सरकार 20 फीसद वेतन वृद्धि करें अन्यथा एक अप्रैल को अनिश्चितकालीन हड़ताल होगा। आरसी मौर्य, प्रेम प्रकाश, पवन गुप्ता, आशुतोष शर्मा, अंकिता, रचना, जुली, बिन्नी कुमारी, अमित मिश्रा, अंकुर, सतीश सेठ, राजेश, विजय प्रकाश आदि थे। यूपी बैंक इंप्लाइज यूनियन के अध्यक्ष आरबी चौबे व मंत्री संजय कुमार शर्मा ने कहा कि हड़ताल के पहले दिन पीएनबी, इलाहाबाद बैंक, यूबीआइ, बॉब, बैंक आफ इंडिया, केनरा बैंक आदि की 250 शाखाएं बंद रही।
इसके चलते वाराणसी में 1700 हजार चेकों व ड्राफ्ट का निस्तारण प्रभावित हुआ। वहीं नगदी, आरटीजीएस, नेफ्ट के चलते 400 करोड़ का लेन-देन प्रभावित हुआ। पूरे पूर्वाचल का यह आंकड़ा 800 करोड़ बताया गया। इस मौके पर पीके घोष, प्रमोद द्विवेदी, इमरान अली, एसके सेठ, अरुण सहगल, शीतला प्रसाद, अमित कुमार, अरुण ओझा, आशीष यादव आदि मौजूद रहे। यह है प्रमुख मांगें - वेतन में 20 फीसद तक वृद्धि - सप्ताह में मात्र पांच दिन ही बैंक खुले -मूल वेतन के साथ विशेष भत्ते का भुगतान -नई पेंशन योजना (एनपीएस) को हटाया जाए -परिवार पेंशन में सुधार -अधिकारियों के लिए निर्धारित कार्य समय - अनुबंध कर्मचारियों को योग्य वेतन