बालू के दाम में आयी भारी गिरावट 40 रुपये फिट हुआ दाम, मकान निर्माण कार्यों में मिलेगी राहत
Sand market in Varanasi वैश्विक महामारी कोरोना वायरस को मात देने के लिए देश में लाकडाउन लागू से मंदी की मार झेल रहे बालू मंडी में एक बार फिर रौनक लौट आयी हैं। ज्यादा गाड़ियों के आने से बालू का दाम भी कम हुआ है।
वाराणसी, जेएनएन। वैश्विक महामारी कोरोना वायरस को मात देने के लिए देश में लाकडाउन लागू से मंदी की मार झेल रहे बालू मंडी में एक बार फिर रौनक लौट आयी हैं। अयोध्या में मंदिर निर्माण, काशी विश्वनाथ कारिडोर निर्माण सहित अन्य निर्माण कार्य को देखते हुए प्रदेश सरकार की ओर से ओवरलोडिंग में कुछ ढील दी गई हैं। जिसके कारण बिहार से आने वाली बालू लदी गाड़ियां थाना क्षेत्र के टेंगरामोड बालू मंडी में पहुंच रही हैं। ज्यादा गाड़ियों के आने से बालू का दाम भी कम हुआ है।
इसी साल अप्रैल माह में 80 रुपये प्रति फिट बिकने वाला बालू इन दिनों 38-40 रुपये प्रति फिट में बिक रहा है। दाम कम होने से आर्थिक रूप से कमजोर लोगों के लिए राहत की खबर है। बताते चलें कि टेंगरामोड़ स्थित बालू मंडी में लगभग 40 बालू मंडी संचालित है। जहां हर दिन सैकड़ों बालू की गाड़ियों में लोडिंग अनलोडिंग होता हैं। इन गाड़ियों की लोडिंग अनलोडिंग करने के लिए लगभग पांच सौ के आसपास मजदूर लगे रहते है। जानकार बताते है कि एक गाड़ी को खाली करने में दो मजदूर को लगभग तीन घंटे लगते हैं। इसके एवज में आठ से दस रुपये प्रति फिट की दर से मेहनताना मिलता है।
मंडी संचालक नौशाद अहमद सिद्दीकी का कहना है कि लाकडाउन में बालू का काम पूरी तरह ठप हो गया था। काम धंधा अब कुछ पटरी पर लौट रहा है। यहां का बालू मंडी बिहार के बालू से ही चलता है। रामबाबू सोनकर का कहना है कि बिहार की गाड़ियां नहीं आने से दाम आसमान छू रहा था।गाड़ियों के आने से दाम कम हुआ है। उमेश का कहना है कि लाकडाउन में बालू मंडी बंद होने से सैकड़ों मजदूर बेकार हो गए थे।किराया देना मुश्किल हो रहा था। अब जब प्रदेश सरकार ने ओवरलोडिंग में ढील दीया है तो दाम कम हुआ है जिससे मजदूरों सहित मकान बनाने वाले लोगों को राहत है। धर्मराज उर्फ भंटू का कहना है बालू का दाम कम होने से गरीब तबके के लोगों को फायदा होगा।