काशी विश्वनाथ मंदिर के महंत आवास का एक हिस्सा गिरा, पंचवदन रजत प्रतिमा क्षतिग्रस्त होने से बची
काशी विश्वनाथ मंदिर के महंत आवास का एक हिस्सा बुधवार सुबह अचानक भरभराकर गिर गया। हादसे में बाबा विश्वनाथ की चल पंचवदन रजत प्रतिमा बाल- बाल बच गई।
वाराणसी, जेएनएन। काशी विश्वनाथ मंदिर के महंत आवास का एक हिस्सा बुधवार सुबह अचानक भरभराकर गिर गया। भवन गिरने के इस हादसे में बाबा विश्वनाथ की चल पंचवदन रजत प्रतिमा क्षतिग्रस्त होने से बाल-बाल बच गई। हालांकि इस हादसे में सिंहासन के रंगभरी एकादशी का मंच का बड़ा हिस्सा क्षतिग्रस्त हो गया।
काशी विश्वनाथ मंदिर के पूर्व मंहत कुलपति तिवारी के भवन के पीछे का एक बड़ा हिस्सा अचानक भरभराकर गिर गया। स्थानीय लोगों के अनुसार वहां पर भवन से ही सटे एक अन्य भवन को जेसीबी से तोड़ा जा रहा था। जबकि इस भवन में मंहत जी का पूरा परिवार इस समय निवास कर रहा है। मंदिर प्रशासन ने मंहत का भवन क्रय कर लिया है लेकिन उन्हें होली तक परिसर में ही रहने की मोहलत दी गई है।
हादसे में नुकसान
बुधवार की सुबह हुए इस हादसे में बाबा विश्वनाथ का 350 वर्ष पुराना रजत सिंहासन मलबे मे दबकर क्षतिग्रस्त हो गया। वसंत पंचमी पर बाबा के तिलकोत्सव की महंत आवास में आजकल तैयारी चल रही है। महंत डा. कुलपति तिवारी के अनुसार उनकी बहू के गहने और घर - गृहस्थी के अन्य सामान भी मलबे में दब गए। हालांकि घटनास्थल पर किसी के न होने से हादसे में परिवारीजन बाल बाल बच गए।
मंदिर परिसर में सुरक्षित रखी गई बाबा की चल रजत प्रतिमा
रंगभरी एकादशी पर महंत परिवार के आवास से निकलने वाली बाबा विश्वनाथ, माता पार्वती, भगवान गणेश सहित की पंच बदन चल रजत प्रतिमा को विधि विधान पूजन के साथ मंदिर परिसर में रखा गया। परंपरागत रूप से रंगभरी एकादशी पर्व पर निकलने वाली बाबा विश्वनाथ की पंच बदन चल रजत प्रतिमा सहित अन्य पूजन कार्य में प्रयोग होने वाले सामानों को मंदिर के सीईओ की देखरेख वैदिक मंत्रोच्चार के बीच मंदिर परिसर में सुरक्षित रखवाया गया। डमरू दल व विद्वानों के मंत्रोच्चार के बीच पूजन के परंपरागत सामान को सुरक्षित रखने के साथ ही उसकी वीडियो रिकॉर्डिंग भी कराया गया। मंदिर के मुख्य कार्यपालक श्री विशाल सिंह ने बताया कि बाबा विश्वनाथ की बहुत बड़ी कृपा रही कि पूजनीय परिवार के सभी लोग सुरक्षित हैं। इसकी जानकारी मिलने के बाद सुबह से ही एनडीआरएफ की टीम को मकान के पास तैनात कर दिया गया था सारे सामानों की शिफ्टिंग मंदिर कर अधिकारियों और एनडीआरएफ की देखरेख में प्रशिक्षित मजदूरों द्वारा किया गया। वहीं उनके परिवार को भी सुरक्षित स्थान पर ले जाया गया। ऐसी कोई अप्रिय घटना ना हो इसलिए मंदिर प्रशासन की ओर से कॉरिडोर के सभी जर्जर मकानों को खाली करने को कहा गया।