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वाराणसी के बीएसए के सेंट्रल यू-ट्यूब चैनल पर दस हजार वीडियो की बनेगी लाइब्रेरी, रिवीजन करने में भी होगी सहूलियत

कोरोना महामारी के मद्देनजर परिषदीय विद्यालयों में भी आनलाइन क्लास जारी है। इसके अलावा बेसिक शिक्षा विभाग ई-पाठशाला के तहत दूरदर्शन आकाशवाणी वाट्स-एप सहित अन्य माध्यमों से बच्चों व उनके अभिभावकों तक पाठ्य सामग्री पहुंचाने का प्रयास कर रहा है।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Published: Sat, 12 Jun 2021 10:20 PM (IST)Updated: Sat, 12 Jun 2021 10:20 PM (IST)
वाराणसी के बीएसए के सेंट्रल यू-ट्यूब चैनल पर दस हजार वीडियो की बनेगी लाइब्रेरी, रिवीजन करने में भी होगी सहूलियत
बच्चे अपनी सुविधा के अनुसार जब चाहे तक घर बैठे पढ़ाई कर सके।

वाराणसी, जेएनएन। कोरोना महामारी के मद्देनजर परिषदीय विद्यालयों में भी आनलाइन क्लास जारी है। इसके अलावा बेसिक शिक्षा विभाग ई-पाठशाला के तहत दूरदर्शन, आकाशवाणी, वाट्स-एप सहित अन्य माध्यमों से बच्चों व उनके अभिभावकों तक पाठ्य सामग्री पहुंचाने का प्रयास कर रहा है। दूसरी ओर शिक्षक चार से छह मिनट का छोटा-छोटा वीडियाे बनाकर यू-ट्यूब पर अपलोड कर रहे है ताकि बच्चे अपनी सुविधा के अनुसार जब चाहे तक घर बैठे पढ़ाई कर सके।

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यू-ट्यूब पर प्रथमिक से लगायत उच्च शिक्षा तक की ढेरों पाठ्य सामग्री अपलोड है लेकिन विषय व पाठ्यक्रम के अनुसार पाठ्य सामग्रियों का अभाव है। इसे देखते हुए जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी राकेश सिंह ने जनपद के सभी विद्यालयों के अध्यापकों से छोटे-छोटे वीडियो बनाकर बीएसए के सेंट्रल यू-ट्यूब चैनल पर अपलोड करने का निर्देश दिया है। शिक्षकों को क्लास रूम की तरह पढ़ाने का वीडियो बनाकर यू-ट्यूब पर अपलोड करना है, जिन शिक्षकों का वीडियो सबसे अच्छा होगा।

बच्चों को उसी वीडियो से पढ़ने के लिए सुझाव दिया जाएगा। बीएसए ने बताया कि बीएसए के सेंट्रल यू-ट्यूब चैनल पर दस हजार वीडियो की लाइब्रेरी बनाने का लक्ष्य रखा गया है। इस दिशा में पहल भी तेज कर दी गई है। उन्होंने बताया कि जिन बच्चों के अभिभावकों के पर स्मार्ट फोन व इंटरनेट है। वह घर बैठे इसका लाभ उठा सकेंगे। बच्चों को रिवीजन करने में भी सहूलियत होगी। कहा कि विद्यालय खुल जाने के बाद भी इस वीडियो की उपयोगिता बनी रहेगी। इसके पीछे कक्षा एक से आठ तक हर विषय का हर पाठ का अलग-अलग वीडियो तैयार कराया जा रहा है। कोई वीडियो बोझिल न हो सके। इसके लिए एक पाठ का छोटे-छोटे कई वीडियो बनाए जा रहे है ताकि बच्चों को देखने व समझने में सुविधा हो सके।

कोविड में छात्रों की सुरक्षा को देखते हुए की गई व्यवस्था

कोविड काल में छात्रों के पठन-पाठन का तारतम्य और उनका शारीरिक मानसिक स्वास्थ्य बना रहे, सभी कोर्स सुचारु रूप से चलते रहें, इसके लिए विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ने अभिनव कदम उठाया है। यूजीसी ने यूजी और पीजी के 140 कोर्सेज को ओपन ऑनलाइन कर दिया है। इसके तहत अंडर ग्रेजुएट के 83 और पोस्ट ग्रेजुएट के 40 कोर्सेज में दाखिला दिया जाएगा। इन पाठ्यक्रमों में छात्रों को ‘स्वयं’ प्लेटफार्म के माध्यम से आवेदन करना होगा। इस प्लेटफार्म पर उन्हें वेबिनार के माध्यम से क्लासेज, पत्र-पत्रिकाओं, शोधों की जानकारी भी मिलती रहेगी। शनिवार को यूजीसी के दिशा-निर्देशों के क्रम में काशी हिंदू विश्वविद्यालय में मानसिक स्वास्थ्य, मनोसामाजिक चिंता एवं कल्याण पर कुलपति द्वारा पुर्नगठित कोविड टास्क फोर्स कमेटी के तत्वावधान में वेबिनार का आयोजन किया गया। इसमें यूजीसी द्वारा लिए गए अहम फैसले के मद्देनजर ‘स्वयं’ के बारे में चर्चा हुई। इसमें मुख्य अतिथि यूजीसी अध्यक्ष प्रो. डीपी. सिंह ने कहा कि कोविड में छात्रों की सुरक्षा हमारी प्राथमिकता है। उनका पठन-पाठन सुचारु रूप से चलता रहे इसके लिए बेहद जरूरी है उनका मानसिक स्वास्थ्य, ताकि वे प्रतिकूल परिस्थितियों में भी अपना मनोबल बनाए रख सकें और चिंतामुक्त रहें।


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