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बीएचयू में आए ब्लैक फंगस के मरीजों से 95 फीसद ने नहीं लगवाई थी कोरोना वैक्सीन

कोरोना से अधिक उसके साइड इफेक्ट ब्लैक फंगस ने तबाही मचाई है। हालांकि यह 95 फीसद उन मरीजों में समस्या पाई गई हैं जिन्होंने कोरोना की वैक्सीन नहीं लगवाई है। यही नहीं कोरोना के कारण सबसे ज्यादा उनकी मौत हुई थी जिन्होंने कोरोना का टीका नहीं लगवाया था।

By Abhishek SharmaEdited By: Published: Sat, 19 Jun 2021 12:08 PM (IST)Updated: Sat, 19 Jun 2021 02:41 PM (IST)
बीएचयू में आए ब्लैक फंगस के मरीजों से 95 फीसद ने नहीं लगवाई थी कोरोना वैक्सीन
कोरोना से अधिक उसके साइड इफेक्ट ब्लैक फंगस ने तबाही मचाई है।

वाराणसी, जेएनएन। वैश्विक महामारी कोरोना से अधिक उसके साइड इफेक्ट ब्लैक फंगस ने तबाही मचाई है। हालांकि यह 95 फीसद उन मरीजों में समस्या पाई गई हैं जिन्होंने कोरोना की वैक्सीन नहीं लगवाई है। यही नहीं कोरोना के कारण सबसे ज्यादा उनकी मौत हुई थी जिन्होंने कोरोना का टीका नहीं लगवाया था। यानी इससे सिद्ध होता है कि अगर समय पर वैक्सीन लगवाई गई होती तो ब्लैक फंगस व कोरोना के शिकार होने से बचा जा सकता है। बीएचयू में अभी तक कुल 195 मरीज आए, जिनमें से 95 ने वैक्सीन नहीं लगवाई थी और सभी में शुगर की समस्या है। यहां पर ब्लैक फंगस के 52 मरीजों की मौत हो चुकी है।

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कोरोना से ज्यादा घातक ब्लैक फंगस बीमारी साबित हो रही है। इसके अभी थमने के भी आसार नहीं दिख रहे हैं। कोरोना की दूसरी लगर ने भले ही भारती तबाही मचाई, लेकिन विशेषज्ञों ने पहले ही संकेत दे दिए कि यह समस्या 15 मई के बाद धीरे-धीरे कम हाेने लगेगी। उनके संकेत सभी साबित हुए। कोरोना का ग्राफ नीचे गिरने लगा और अब तो लगभग स्थिति सामान्य हो गई हैं। वहीं ब्लैक फंगस को लेकर विशेषज्ञ यह कहते से बच रहे हैं कि यह बीमारी कब थमेगी। सर सुंदरलाल अस्पताल, बीएचयू के चिकित्सा अधीक्षक प्रो. केके गुप्ता बताते हैं कि ब्लैक फंगस बीमारी कब तक तेजी से चलेगी और थमेगी यह कह पाना मुश्किल है। वहीं उप चिकित्सा अधीक्षक प्रो. सौरभ सिंह ने बताया कि अगर लोगों ने समय से वैक्सीन लगवा ली होती तो शायद वे कोरोना से बचते ही और आज उनके सामने ब्लैक फंगस की समस्या नहीं आती। उन्होंने बताया कि 95 फीसद ऐसे लोग ब्लैक फंगस की चपेट में आए हैं जिन्होंने वैक्सीन नहीं लगवाई थी। यही नहीं जितने में ब्लैक फंगस के मरीज आए हैं उनमें 100 फीसद लोगों को मधुमेह की समस्या है। कई ऐसे मरीज हैं जिन्हें पहले से शुगर की समस्या नहीं थी, लेकन कोरोना के दौरान अधिक मात्रा में स्टेरायड, ऑक्सीन लेने के साथ ही अधिक दिनों तक वेंटिलेटर रहे वे मधुमेह रोगी हो गए।

मरीजों का हाल

195 : मरीज आ चुके हैं बीएचयू के एसएस अस्पताल में

52 : मरीजों की मौत हो चुकी है अभी तक

13 : मरीजों को अभी तक किया जा चुका है डिस्चार्ज

118 : मरीजों का आपरेशन हो चुका है अभी तक

130 : मरीजों का फिलहाल चल रहा है उपचार


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