Varanasi में ब्लाक स्तर पर बने 923 पीपीई किट टेस्ट में फेल, सीएमओ ने जताई आपत्ति
वाराणसी में ब्लाक स्तर पर बने 923 पीपीई किट टेस्ट में फेल हो गया जिसके बाद सीएमओ ने चिकित्सकों व स्वास्थ्य कर्मियों के बीच इसे वितरित नहीं करने का आदेश जारी किया।
वाराणसी, जेएनएन। कोरोना से छिड़ी जंग को जीतने के लिए हर स्तर पर प्रयास हो रहे हैं। इसी कड़ी में ब्लाक स्तर पर पीपीई (पर्सनल प्रोजेक्टशन इक्विप्मेंट) किट का निर्माण शुरू हुआ था। सीडीओ के निर्देश पर ब्लाक अधिकारियों ने सामाजिक संस्थाओं को यह जिम्मेदारी दी थी। करीब 923 पीपीई किट बनाए गए लेकिन वे स्वास्थ्य विभाग की टेस्टिंग में फेल हो गए।
सीेएमओ डा. वीबी सिंह ने जांच रिपोर्ट के बाद ऐसे पीपीई किट को चिकित्सकों व स्वास्थ्य कर्मियों के बीच वितरित नहीं करने का आदेश जारी किया। चूंकि पीपीई किट बने थे, इसलिए इसके इस्तेमाल के लिए तय हुआ कि ऐसे कर्मियों को उपलब्ध कराया जाए जो सीधे तौर पर कोरोना मरीजों के संपर्क में नहीं आ रहे हैं। मसलन, एंबुलेंस चालक, अस्पताल परिसर की सफाई करने वाले आदि। टेस्टिंग में विशेषज्ञों ने बताया कि ब्लाक स्तर पर बने पीपीई किट की सिलाई पर टेप नहीं लगाए गए थे। किट के चेन पर भी टेप नहीं लगे थे। कपड़े की गुणवत्ता भी मानक के अनुरूप नहीं थी।
इन गांवों में संस्थाओं ने बनाए किट
राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत सेवापुरी ब्लाक के बेसहूपुर मड़ैया, लखनसेनपुर, बनकट, गजापुर, भरहरिया, सूईलरा, बरनी गैरहा समेत कई गांव की समूह की महिलाएं मास्क व पीपीई किट बना रहीं थीं। ब्लॉक मिशन प्रबंधक सेवापुरी दीपक यादव, आशीष शुक्ला आदि मूल्यांकन कर रहे थे। हरहुआ ब्लाक में राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत एडीओ (आइएसबी) अरविंद सिंह व बीएमएम ऋचा राय की देखरेख में पश्चिमपुर गांव की महिला समूह ने मास्क व पीपीई किट बनाया। काशी विद्यापीठ ब्लाक प्रभारी आरके द्विवेदी ने बताया कि भिटारी, धन्नीपुर, सूजाबाद, नासिरपुर व डोमरी ग्राम पंचायत में 227 किट बनाया गया।
चांदपुर की कंपनी बना रही किट
चांदपुर की कंपनी पुष्पाजंलि सारीज प्रा. लि. पीपीई किट बना रही है। एनएमसी ब्रांड से प्रतिदिन 200 पीपीई 15 कर्मी तैयार कर रहे हैं। चेन व सिलाई पर टेप लगा है। किट में मास्क, टोपी व चश्मा भी है। पैकिंग के पहले सैनिटाइज हो रहा है। कंपनी पीपीई किट, गाउन, ड्रेप, पिलो, बेड सीट किट निर्माण कर रही है। प्राइवेट नर्सिंग होम व दुकानदारों को आपूर्ति की जा रही है। पीपीई किट को सिट्रा ने प्रमाणित किया है।
सीडीओ मधुसुदन हुल्गी ने बताया कि ब्लाक स्तर पर स्वयं सहायता समूहों से पीपीई किट तैयार कराया गया था जिसे सीएमओ को सुपुर्द कर दिया गया। गुणवत्ता दुरुस्त नहीं होने से निर्माण बंद करना पड़ा। सीएमओ ने कहा कि ब्लाक स्तर से मिले पीपीई किट की गुणवत्ता ठीक नहीं है। इसलिए चिकित्सकों के बीच वितरित नहीं किया गया। प्रदेश स्तर पर खरीदे पीपीई किट का इस्तेमाल हो रहा है।